धमतरी।
एकलव्य आवासीय विद्यालय पथर्रीडीह कुकरेल में शिक्षक की प्रताड़ना से तंग
आकर छह आदिवासी व कमार बच्चों ने स्कूल परिसर का बाउंड्रीवाल कूदकर कर भाग
निकले। सभी बच्चे देर शाम पास के गांव में मिले। सरपंच व ग्रामीणों ने सभी
बच्चों को गांव में सुरक्षित रखा था। घटना की जानकारी होने पर मौके में
जिला शिक्षा अधिकारी भी पहुंचे और समझाईश के बाद स्कूल प्रबंधन को बच्चों
को सौंप दिया गया है। इधर डीईओ ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित
किया है। आखिर आदिवासी व कमार बच्चों को शिक्षक किस तरह प्रताड़ित कर रहे
हैं, इसकी जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
यह है पूरा घटनाक्रम
एकलव्य
आवासीय विद्यालय पथर्रीडीह कुकरेल के छह बच्चे 13 फरवरी को खेलकूद के दौरान
दीवार कूदकर स्कूल से भाग निकले। इन स्कूली बच्चों को मथुराडीह के सरपंच
परमेश्वर देवांगन और ग्रामीणों ने सकुशल स्कूल प्रबंधन को सौंपा। एकलव्य
आवासीय विद्यालय पथर्रीडीह कुकरेल में अध्ययनरत छात्र खेलकूद के दौरान
बुधवार को स्कूल के बाउंड्रीवाल कूदकर भाग गए थे। स्कूल से पैदल चलते हुए
बच्चे ग्राम मथुराडीह पहुंचे। यहां गांव के सरपंच परमेश्वर देवांगन ने इतने
बच्चों को ग्रुप में देखकर जानकारी ली। सरपंच देवांगन ने बताया कि छह
बच्चे शाम छह बजे के आसपास मथुराडीह पहुंचे। डरे और सहमे बच्चों से बात
किया तो पता चला बच्चे एकलव्य आवासीय विद्यालय पथर्रीडीह में पढ़ाई करते
हैं। बच्चों का आरोप था कि स्कूल के किसी शिक्षक की प्रताड़ना से परेशान
होकर स्कूल से भागे हैं। इन्हें सुरक्षित रख कर स्कूल प्रबंधन और जिला
शिक्षा अधिकारी को जानकारी दिए। इस पर विद्यालय के प्राचार्य नीरज कुमार
त्यागी ने बताया कि शाम को साढ़े चार से साढ़े पांच बजे खेलकूद के दौरान छह
बच्चे स्कूल से गायब हुए थे। इसमें कक्षा सातवीं के पांच और नौवीं के एक
स्कूली बच्चे अटेंडेंस के समय नहीं थे। इसके बाद स्कूल के शिक्षकों को
इन्हें ढूंढने भेजा गया। ग्राम मथुराडीह में बच्चों की मिलने की सूचना
मिलते ही यहां पहुंचकर सरपंच और ग्रामीणों से बच्चों को अपने कब्जे में
लिए। ग्रामीणों ने सकुशल छह बच्चों को स्कूल प्रबंधन को सौंपा। जिला शिक्षा
अधिकारी ने बच्चों से की पूछताछ घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे
जिला शिक्षा अधिकारी टीआर जगदल्ले ने प्राचार्य और ग्रामीणों से चर्चा
किया। उनका पक्ष जाना। इसके बाद बंद कमरे में छह बच्चों से उन्होंने बातचीत
कर उनकी समस्या सुनी। बच्चों से बातचीत करने के बाद बताया कि स्कूल के
किसी शिक्षक की प्रताड़ना से परेशान होकर बच्चे स्कूल से भागे हैं। उन्हें
सुझाव दिया गया कि किसी से डरने की जरूरत नहीं है। कोई भी शिक्षक नहीं
डांटेगा। इस घटना की जांच के लिए एक समिति गठित कर स्कूल भेजने की बात कही
है। तब बच्चों ने अपनी समस्या ग्रामीणों के समक्ष रखी। इसे बाद सरपंच ने
बच्चों को अपने साथ लेकर आदिवासी समाज भवन में लाए। यहां उन्हें भोजन
कराया। सरपंच ने इस घटना की जानकारी मीडिया और अधिकारियों को दी।
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