अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले का सामरी थाना क्षेत्र पूर्व के वर्षों में नक्सल गतिविधियों के लिए जाना जाता था। उस दौर में इस क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में नक्सलियों के भय से लोग लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी सुनिश्चित करने से डरते थे। प्रशासन भी मतदान के दिन ही कर्मचारियों को भेजता था। किसी तरह मतदान की औपचारिकता पूरी कर कर्मचारी वापस लौट जाते थे। दो गांव ऐसे थे जहां मतदान केंद्र भी दूर बनाया जाता था लेकिन अब परिस्थिति बदल गई है। इस चुनाव में गदामी, चुनचुना, पुंदाग, जलजली, कुदाग, नवाडीह खुर्द जैसे गांवों में अब एक दिन पहले ही मतदान कर्मचारी पहुंच गए थे। झारखंड के बूढ़ा पहाड़ से लगे इन गांवों में पिछले दिनों नक्सलियों के नाम पर पोस्टर भी चस्पा किया गया था लेकिन भयमुक्त माहौल में मतदान करने ग्रामीण उत्सुक है। सोमवार को इन गांवों में मतदाताओं की लंबी कतार देखने को मिली। सुबह से नक्सल प्रभावित इन गांवों के मतदान केंद्रों में उत्सव का माहौल रहा। भयमुक्त माहौल में गांव वाले मतदान के लिए घरों से बाहर निकले। छोटे-छोटे बच्चों को लेकर महिलाएं सुबह से मतदान केंद्रों के बाहर मतदान के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे। मतदान के बाद मतगणना भी यहीं की जाएगी। बता दें ये क्षेत्र बलरामपुर जिले के कुसमी ब्लाक में आते है। यहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पहले चरण में मतदान हुआ। पुलिस और सुरक्षा बल भी सतर्क हैं।
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