रायपुर। तीन वर्ष से बिना बनाए अनुपस्थित रहने वाले 48 डॉक्टरों पर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। मंगलवार को प्रदेशभर के 27 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है और 21 के विरुद्ध विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। राज्य सरकार ने तीन साल से ड्यूटी से गायब रहने पर इन डॉक्टरों को नोटिस भी दिया था। इनकी ओर से जवाब नहीं मिलने पर सरकार ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों पर कार्रवाई की है। राज्यपाल रमेन डेका से अनुमति लेकर लोक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के अवसर सचिव मुकेश चौहान ने कार्रवाई का आदेश जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डॉक्टरों को कर्तव्यस्थल से लंबे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। बहुत से डॉक्टरों ने नोटिस का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में मान लिया गया कि उन्हें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। उनके प्रकरणों में गुणदोष के आधार पर एकपक्षीय रूप से विचार किया गया। कुछ डॉक्टर अनुपस्थित रहने का संतोषप्रद कारण नहीं बता पाए। बता दें कि तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिए अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते हुए शासन के मूलभूत नियम और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (अवकाश) नियम का उल्लंघन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के आदेश में कहा गया है कि मूलभूत नियम 18 के अनुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी का लगातार तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिए किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अवकाश नियम 2010 के नियम 11 के अनुसार, कोई भी शासकीय कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक निरंतर अवधि के लिए अपने कर्तव्य से अनुपस्थित रहता है, तो उसे शासकीय सेवा से त्यागपत्र दिया हुआ समझा जाएगा।
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