रायपुर। किशोरी को विवाह करने का झांसा देकर भगाकर ले जाने और दुष्कर्म करने वाले 20 वर्षीय बजरंगनगर के रवि देवांगन उर्फ राजू को कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। वहीं, किशोरी को भगाकर ले जाने में रवि की मदद करने पर उसकी मां सरस्वती बाई, पिता परदेशी राम देवांगन और दोस्त गांधीनगर, बिरगांव (उरला) निवासी जितेंद्र देवांगन को पांच-पांच साल की कैद सुनाई है। वहीं, किशोरी के पुनर्वास के लिए पांच लाख देने की अनुशंसा की गई है। प्रकरण की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय (पॉक्सो एक्ट) फास्ट ट्रेक विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार सोम ने की। विशेष लोक अभियोजक विमला तांडी ने बताया कि बिरगांव निवासी रवि देवांगन उरला थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी को 17 अप्रैल 2018 को भगाकर हैदराबाद ले गया था। इस दौरान उसने किशोरी से दुष्कर्म किया। किशोरी के गायब होने पर उनके स्वजन ने उरला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के दौरान पता चला कि रवि को उसके स्वजन और दोस्त ने किशोरी के साथ भगाकर ले जाने में मदद की थी। इसे देखते हुए आरोपित युवक सहित उसके माता-पिता और दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया। प्रकरण की सुनवाई के दौरान कुल 13 गवाहों के बयान करवाए गए। इसके आधार पर चारों आरोपितों को दोषी ठहराते हुए न्यायाधीश राकेश कुमार सोम ने आरोपित रवि देवांगन को 10 वर्ष की सजा सुनाई। इसी तरह उसका साथ देने वालों को भी सजा सुनाई गई।
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