रायपुर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सीजीपीएससी 2021 की भर्ती परीक्षा घोटाले में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड रायपुर के निदेशक को श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार कर घोटाले की पुष्टि कर दी है। पहली ही गिरफ्तारी में पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार की भर्ती परीक्षाओं में हुए भ्रष्टाचार का राज खुल गया है। गिरफ्तार किए गए उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल पर अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका का डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन के लिए रिश्वत देने का आरोप है। भर्ती परीक्षा के परिणाम जिस समय आए थे तब पति-पत्नी की जोड़ी ने खूब वाहवाही भी लूटी थी। इस परीक्षा में कई ऐसी जोड़ियां सामने आई थीं, जिसके कारण ये मामला संदेह के दायरे में आ गया था। मामले में भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने राज्यपाल से शिकायत की थी। बाद में भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था। विधानसभा चुनाव 2023 से पहले पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार सीजीपीएससी घोटाले में बुरी तरह से फंसी और भूपेश सरकार की कुर्सी हिल गई। पूर्व गृह मंत्री व भाजपा नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट बिलासपुर में आरोप पत्र दाखिल करके कई भाई-बहन, बेटी-दामाद और रिश्तेदारों को लेकर सवाल उठाया था। इसको लेकर हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार से पूछा था कि अधिकारियों और नेताओं के बेटा-बेटियों का चयन कैसे हो गया। कोर्ट ने 18 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए शासन को जांच करने कहा था। प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद सात फरवरी 2024 को ईओडब्ल्यू और एसीबी ने अपराध दर्ज किया था। बाद में मामला सीबीआई को दे दिया गया है। इसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक के साथ ही अफसरों और कांग्रेसी नेताओं को आरोपी बनाया गया है। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर द्वारा कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के पांच रिश्तेदारों की नियुक्ति की सूची सौंपी गई थी। इसमें उनके करीबी रिश्तेदार नितेश की नियुक्ति डिप्टी कलेक्टर के पद पर की गई है और उनके सरनेम को छिपाया गया है। बहू निशा कोशले का भी चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। बड़े भाई के बेटे साहिल का चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। इसमें भी सरनेम नहीं लिखा गया है। उनके भाई की बहू दीपा अजगले आदिल की नियुक्ति जिला आबकारी अधिकारी और बहन की बेटी सुनीता जोशी को श्रम अधिकारी बनाया गया है। आयोग के सचिव व सेवानिवृत्त आइएएस जीवन किशोर ध्रुव के रिश्तेदार सुमित ध्रुव डिप्टी कलेक्टर बने थे। मामले में जीवन किशोर ध्रुव के खिलाफ भी जांच चल रही है। पीएससी के सहायक नियंत्रक ललित गनवीर की बहू का भी पीएससी में चयन हुआ है।
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