जांजगीर
चांपा । समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी एक दिन बाद 14 नवंबर से शुरु होगी।
मगर केंद्रों में धान खरीदी की तैयारी नजर नहीं आ रही है। अभी तक केंद्रों
में साफ सफाई और अन्य व्यवस्थाएं पूरी नहीं की जा सकी है। कई केंद्रों में
घास उगे हैं उनकी भी सफाई नहीं कराई जा सकी है। प्रशासन भले ही धान खरीदी
की तैयारी का दावा कर रही है। मगर मैदानी स्तर पर कहीं भी तैयारी नजर नहीं आ
रही है। हालांकि टोकन तुहर हाथ एप से धान बेचने के लिए चार समिति हरदी,
सलखन, भिलौनी और भैंसतरा में एक किसानों ने टोकन कटा लिया है। जिले में 15
नवंबर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरु होगी। धान खरीदी केंद्रों में
किसानों की सुविधाओं के लिए छांव, पानी, बैठने की व्यवस्था सहित चेक लिस्ट
के अनुसार उपार्जन केंद्रों में कम्प्यूटर, प्रिंटर, युपीएस, जनरेटर,
इंटरनेट कनेक्शन, आद्रता मापी यंत्र, तौल के लिए इलेक्ट्रानिक तौल मशीन की
उपलब्धता, बारदाना सहित अन्य निर्धारित सुविधाओं की कमी है। डेढ़ माह से
किसानों के पंजीयन का काम चल रहा था। बंटवारा नामा के चलते जिले में समर्थन
मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। जिले
में इस वर्ष धान बेचने के लिए एक लाख 26 हजार 918 किसानों ने पंजीयन कराया
है। वहीं राज्य सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के कारण भी हर
साल जिले में किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। जांजगीर - चांपा जिले में
अब उपार्जन केंद्रों की संख्या 129 तो सक्ती जिले में उपार्जन केंद्रों की
संख्या 125 हो गई है। वहीं जांजगीर-चांपा जिला में सहकारी समिति 101 तो
सक्ती जिला में 95 सहकारी समितियां है। हालांकि इस बार भी नए उपार्जन
केंद्र खोलने का प्रस्ताव भेजा गया था जिसमें दोनों जिले में दो दो नए
केंद्र खुलने की स्वीकृति शासन से मिली है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के
लिए किसानों को मोबाइल में टोकन तुहर हाथ एप डाउनलोड करना होगा. जिसके बाद
नए किसानों को समर्थन मूल्य पर धान बेचने से पहले टोकन तुहर हाथ एप में
सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। एप में रजिस्ट्रेशन के समय एप में
समिति से जारी किसान पंजीयन क्रमांक, मोबाइल नंबर व किसान को अपनी जमीन
संबंधित जानकारी को एप में डालना होगा। मोबाइल नंबर डालने पर ओटीपी के जरिए
पंजीयन करना होगा। पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) हो जाने के बाद घर बैठे या किसी
भी स्थान से टोकन कटवाने के लिए आनलाइन फ्रार्म भर सकेंगे। धान खरीदी के
लिए इस बार एक करोड़ 40 लाख बारदाना की आवश्यकता होगी। इसमें 60 लाख नए और
60 लाख पुराने मिलर्स और पीडीएस के बारदाने होंगे। मार्कफेड के मुताबिक 35
हजार 200 गठान बारदाने की जरूरत होगी। इसके बदले 17 हजार नए बारदाने का
गठान आ चुका है। शेष बारदानों का इंतजार है। इसके अलावा मिलर्स और पीडीएस
से मिलने वाले बारदाना के सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। उपार्जन
केंद्रों में 15 नवंबर के बाद ही किसान अपनी उपज लेकर पहुंचते हैं और फिर
विधिवत रूप से धान की खरीदी शुरू होती है। वर्तमान में कम दिनों में पककर
तैयार होने वाले धान की कटाई हो गई है। वहीं विलंब से पकने वाले फसल की
कटाई अभी शुरू नहीं हो पाई है। 15 नवंबर के बाद ही समुचित रूप से धान पककर
तैयार होगा और फिर फसल की कटाई शुरू हो पाएगी। ऐसे में पूरा नवंबर महीना
धान खरीदी के लिहाज से सूना रहेगा और दिसंबर में ही सही रूप से यह
प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर धान
खरीदी की संपूर्ण व्यवस्था करने अपर कलेक्टर एस पी वैद्य की अध्यक्षता में
शनिवार को जिला पंचायत के आडिटोरियम में कंप्यूटरीकृत व्यवस्था के लिए
प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिले के समस्त समिति प्रबंधक, डाटा एंट्री
आपरेटर का संबंधित मास्टर ट्रेनर्स द्वारा खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी,
आनलाइन माड्यूल, बायोमेट्रिक ,किसान पंजीयन, पीडीएस बारदाना एकत्रीकरण सहित
अन्य महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में
संबंधित विभाग के अधिकारी एवं धान उपार्जन केन्द्र से संबंधित कम्प्यूटर
आपरेटर, खरीदी प्रभारी, उपार्जन केन्द्र नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
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