लेखा परीक्षा सप्ताह का शुभारंभ किया राज्यपाल ने
रायपुर । भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग सरकार और जनता के बीच विश्वास का एक
सेतु है, जो सुनिश्चित करता है कि हर संसाधन का सदुपयोग हो और हर निर्णय
समाज के हित में हो। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज प्रधान महालेखाकार कार्यालय में लेखा
परीक्षा सप्ताह का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। लेखा परीक्षा दिवस के अवसर
पर 22 नवम्बर 2024 एक सप्ताह तक आयोजित किया जाएगा। महालेखाकार कार्यालय के आवासीय परिसर स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि लेखा
परीक्षा केवल सरकारी व्यय और राजस्व की जांच तक सीमित नहीं है; यह
प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन, और जनसेवा में उत्तरदायित्व का एक
सशक्त माध्यम है। भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में इस विभाग की
भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग का
इतिहास गौरवशाली रहा है। यह न केवल सरकारी कार्यों में वित्तीय अनुशासन
लाने का कार्य करता है, बल्कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने का
महत्वपूर्ण दायित्व भी निभाता है। इस विभाग के अधिकारियों की निष्पक्षता और
कर्मठता ने इसे एक सशक्त संस्थान के रूप में स्थापित किया है। श्री डेका
ने कहा कि भारतीय प्रशासन और वित्तीय प्रबंधन में नियंत्रक और महालेखाकार
(सीएजी) की महत्वपूर्ण भूमिका है। संविधान निर्माताओं ने कैग को वित्तीय
नियंत्रण में स्वायत्त और स्वतंत्र संस्था के रूप में स्थापित किया है
जिससे इसे लोक वित्त की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में एक
प्रमुख दर्जा प्राप्त है। भारतीय प्रशासनिक ढांचे में प्रभावी वित्तीय नियंत्रण में कैग की भूमिका
की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कैग के निरीक्षण से सरकार की
योजनाओं और कार्यक्रमों की समुचित निगरानी और पारदर्शिता बनी रहती है जिससे
लोक कल्याण को लाभ पहुंचाने में मदद मिलती है। राज्यपाल ने तेजी से बढ़ते हुए तकनीकी युग में लेखा परीक्षा की प्रक्रिया
में भी नवाचार की आवश्यकता बताते हुए कहा कि डिजिटल इंडिया के तहत बढ़ती
ई-गवर्नेंस और डिजिटलीकरण के चलते लेखा परीक्षकों को आधुनिक उपकरणों और
तकनीकी दक्षताओं से लैस होना जरूरी है। इससे न केवल काम की गति तेज होगी,
बल्कि पारदर्शिता भी बढ़ेगी। उन्होंने विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे इस
प्रतिष्ठित संस्था की परंपराओं को बनाए रखते हुए निष्ठा और प्रतिबद्धता के
साथ कार्य करें। उनकी मेहनत और ईमानदारी से ही जनता का भरोसा और मजबूत
होगा। कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रधान महालेखाकार श्री यशवंत कुमार ने दिया।
कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन महालेखाकार श्री मोहम्मद फैजान ने
किया। इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने सामुदायिक भवन परिसर में वृक्षारोपण
किया। कार्यक्रम में महालेखाकार कार्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी
उपस्थित थे।
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