धान खरीदी न करने का षडयंत्र रच रही है विष्णु देव सरकार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्रकारवार्ता के प्रमुख बिंदु



शेख आबिद किंग भारत न्यूज़

रायपुर । धान खरीदी न करने का षडयंत्र रच रही है विष्णु देव सरकार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पत्रकारवार्ता के प्रमुख बिंदु

• छत्तीसगढ़ में तीन दिन बाद यानी 14 नवंबर से धान खरीदी शुरु होनी है.

• लेकिन धान खरीदी करने वाली 2,058 समितियों के लगभग 13000 कर्मचारी चार नवंबर से हड़ताल पर हैं.

• छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने तीन सूत्रीय मांगें रखी हैं.

पहला ये कि मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी प्रत्येक समितियों को तीन-तीन लाख का अनुदान दिया जाए.

दूसरा पुनरीक्षित वेतनमान

और तीसरा ये कि सुखत का प्रावधान करते हुए प्रति क्विंटल 500 ग्राम की क्षतिपूर्ति का प्रावधान

किया जाए, तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा के कमीशन की राशि समितियों को दी जाए.

• इन तीन मांगों में से दो मांगें वही है जो कर्मचारी संघ ने 2021 में उठाई थीं. उस समय हमारी सरकार थी और मैं मुख्यमंत्री था. वर्तमान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे

• उस समय श्री साय ने मुझे संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया था.

• अपने पत्र में श्री साय ने सुखत का प्रावधान करने व कर्मचारियों के संविलियन की बात की थी.

अब क्या कर रही है सरकार

• धान उपार्जन की हमारी सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है.

• नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफर स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है.

• पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें.

• अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफ स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है.

• पहले मार्कफेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी.

• अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है.

• धान खरीदी बंद होगी 31 जनवरी को.

• यानी समितियों / संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रह रहेगा.

• यह एक तथ्य है कि धान में खरीदी के बाद सुखत की समस्या आती है.