बिलासपुर। पुलिस ना सिर्फ अपराधियों पर नकेल कस रही है, बल्कि समाज में परिवार की महत्ता को समझते हुए बिखरे हुए परिवार को भी जोड़ने का काम कर रही है। एएसपी गरिमा उपाध्याय ने बताया कि समाज में परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण है। परिवारिक समस्याओं के कारण कई बार इंसान गलत कदम भी उठा लेता है। ऐसे लोगों को समझा बुझाकर परिवार को जोड़ने का प्रयास पुलिस परामर्श केंद्र में किया जाता है। कई मामलों में देखा जाता है कि छोटी-छोटी बातों को लेकर पूरा परिवार बिखर जाता है। दोनों पक्ष की बातें सुनने के बाद ऐसी बातों की पहचान की जाती है। इसके बाद दोनों पक्ष को समझाईश देकर उनकी गलती का एहसास कराया जाता है। इससे कई परिवार फिर से एक साथ आए हैं।
शराब ने कराई कलह, थाने में सुलझा मामला
सीपत क्षेत्र की रहने वाली अनु (35) ने अपने पति संजय के खिलाफ महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। अनु का आरोप था कि शादी के 10 साल में पिछले दो साल से उसका पति रोज शराब पीकर उसे और बच्चों को गाली-गलौज और मारपीट करता है। संजय अपनी पत्नी अनु पर शक करता और उसे किसी से बात करने या मायके जाने नहीं देता था। अनु के मायकेवालों ने संजय को समझाने की कोशिश की, लेकिन उसका व्यवहार नहीं बदला। परेशान होकर अनु ने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। महिला थाना प्रभारी और काउंसलर ने संजय को काउंसलिंग के दौरान समझाया। इस पर संजय ने भविष्य में शराब न पीने, पत्नी और बच्चों के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करने और शंका न करने का वादा किया।
शादी के तीन महीने बाद ही बदला व्यहार, समझाईश का हुआ असर
सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाली श्वेता सिंह ने शादी के छह महीने बाद ही पति उमेश सिंह के व्यवहार से परेशान होकर महिला परामर्श केंद्र में शिकायत दर्ज कराई। श्वेता का आरोप था कि शादी के शुरुआती तीन महीने तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन बाद में घरेलू बातों पर विवाद और मारपीट शुरू हो गई। उमेश श्वेता के चरित्र पर शक करता, उसे गाली-गलौज करता और मोबाइल छीनकर किसी से बात करने से रोकता था। श्वेता ने कई बार अपने मायके वालों को मामले की जानकारी दी। उन्होंने उमेश को समझाने की कोशिश की, लेकिन कुछ समय बाद उसका व्यवहार फिर से बिगड़ जाता। उमेश ससुराल जाकर भी श्वेता को गालियां देता और धमकी देता कि वह खुद को नुकसान पहुंचाकर सभी को फंसा देगा। परेशान श्वेता ने महिला परामर्श केंद्र में शिकायत दी। काउंसलिंग के दौरान श्वेता और उमेश की समस्याओं को सुना गया। थाना प्रभारी और काउंसलर ने उमेश को समझाया, जिस पर उसने भविष्य में सुधार का वादा किया। उमेश ने कहा कि वह श्वेता को प्रेमपूर्वक रखेगा और शक नहीं करेगा। अब दंपती साथ में खुशहाल जीवन बिता रहे हैं।
सास-ससुर को दी समझाई, पति-पत्नी को किया एक
आवेदिका प्रियंका साहू ने शिकायत में बताया कि उनकी शादी अप्रैल 2024 में दीपक कुमार साहू के साथ हुई थी। दीपक इंजीनियरिंग का कार्य दुर्ग में करते हैं। शादी के बाद प्रियंका को उसके मायके भेजा गया, जहां से लौटने पर ससुराल में उसे मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। प्रियंका ने आरोप लगाया कि दीपक उन्हें बार-बार तलाक देने की धमकी देते थे, गाली-गलौज करते थे और हिसाब-किताब को लेकर ताने मारते थे। सास-ससुर का व्यवहार भी प्रियंका के प्रति कठोर था। इसके चलते प्रियंका ने महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई। परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के दौरान दोनों पक्षों को समझाया गया। दीपक और उनके माता-पिता ने भविष्य में प्रियंका के साथ अच्छा व्यवहार करने की बात मानी। काउंसलिंग के बाद पति-पत्नी ने आपसी सहमति से विवाद खत्म कर एक साथ रहने का निर्णय लिया। थाना प्रभारी भारती मरकाम ने बताया कि दोनों अब खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं।
महिला थाना में सुलझा पारिवारिक विवाद, समझौते से मामला शांत
बच्चा नहीं होने पर की मारपीट, घर छोड़ने बनाया दबाव
महिला थाना परिवार परामर्श केंद्र में एक दंपती के बीच पारिवारिक विवाद का समाधान कराया गया। आवेदिका यशोदा ने पति अशोक , सास-ससुर और देवर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 2019 में रायपुर में उनकी शादी रीति-रिवाज से हुई थी। शादी के शुरुआती दिनों में दांपत्य जीवन सुखद था, लेकिन ससुरालवालों के व्यवहार में बदलाव आने लगा। यशोदा ने आरोप लगाया कि ससुराल पक्ष शादी में दिए गए उपहारों को लेकर ताने मारता था। ससुर द्वारा घरेलू मुद्दों पर अपमानित और दबाव बनाने की बात भी कही गई। गर्भधारण में समस्या आने पर इलाज के बावजूद यशोदा पर जड़ी-बूटियों का दबाव बनाया गया। मार्च 2024 में पति द्वारा मारपीट की घटना के बाद यशोदा ने ससुराल छोड़ दिया और बेटी के साथ किराए के मकान में रहने लगी। महिला थाना में काउंसलिंग के बाद पति-पत्नी और ससुराल पक्ष के बीच समझौता कराया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि अब दोनों पक्षों ने भविष्य में अच्छे संबंध बनाए रखने का वादा किया है।
गर्भवती महिला को मिला न्याय
महिला परिवार परामर्श केंद्र में चांदनी और उनके परिवार के बीच घरेलू विवाद का समाधान किया गया। चांदनी ने पति उमेश, देवर और देवरानी के खिलाफ मानसिक उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। चांदनी ने बताया कि 2022 में शादी के बाद शुरुआती समय ठीक था, लेकिन गर्भधारण के दौरान देवरानी और देवर का व्यवहार बेहद कठोर हो गया। घर का सारा काम चांदनी को करना पड़ता था, जबकि उसकी तबीयत खराब रहती थी। सास बुजुर्ग होने के कारण मदद नहीं कर पाती थीं, और देवरानी घर के काम में सहयोग करने के बजाय बार-बार मायके चली जाती थी। पति उमेश महासमुंद में नौकरी करते थे और समस्या को नजरअंदाज करते रहे। चांदनी ने थककर महिला परामर्श केंद्र में शिकायत दर्ज कराई। काउंसलिंग के दौरान चांदनी के पति, देवर, और देवरानी ने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में अच्छे से व्यवहार करने का वादा किया। समझौते के बाद सभी ने चांदनी और उसके बच्चे की देखभाल करने की जिम्मेदारी ली।
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