बिलासपुर।
शहर में स्वच्छता और जल निकासी के लिए बनाए गए नाले अब जनता के लिए
दुर्घटनाओं का कारण बनते जा रहे हैं। शहर के मुख्य मार्गों और मोड़ों पर कई
नालों को खूला ही छोड़ दिया गया है। ये नाले न केवल राहगीरों और वाहन
चालकों के लिए खतरा बने हुए हैं, बल्कि मवेशियों और पर्यावरण के लिए भी
गंभीर समस्या पैदा कर रहे हैं। इनकी गहराई लगभग 10 फीट या उससे अधिक है।
यदि कोई इन नालों में गिरता है, तो जानलेवा चोटें लगती है। शहर के लगभग हर
सड़कों के नालों में ऐसे खुले नाले हैं। कभी दो पहिया वाहन चालक तो कभी चार
पहिया वाहन चालक भी इसकी चपेट में आ जा रहे है। जबकि जिम्मेदार नगर निगम
इस ओर ध्यान ही नहीं दे रही है। परिणाम स्वरूप नाले ढ़क नहीं रहे और इसमे
अचानक गिरकर घायल होने के मामले लगातार हो रहे हैं। शहर के ड्रेनेज सिस्टम
को सही करने के लिए शहर भर में नालों का जाल फैलाया गया है, लेकिन इनसे
ड्रेनेज सिस्टम तो सही नहीं हो पाया है, उल्टा बड़े नाले अधिकारियों की
लापरवाही की वजह से अब दुर्घटना को बुलावा देने लगे हैं। ठेकेदारों ने
नालों का तो निर्माण कर दिया, लेकिन इन्हे पूरी तरह ढ़कना भूल गए हैं। ऐसे
में जगह-जगह खूले नाले नजर आ जाते हैं। कई खुले नाले इतने अधिक खतरनाक हैं
कि दो पहिया से लेकर चार पहिया वाहन चालक समेत इसमें समा जाते हैं और
दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
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