प्रदेश के पहले “सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर प्रीनेटल डायग्नोसिस ऑफ़ हीमोग्लोबिनोपैथीज़” का किया लोकार्पण
भोपाल : उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि जनजातीय समुदाय को सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर संजय गांधी स्मारक चिकित्सालय, रीवा में प्रदेश के पहले शासकीय “सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस फ़ॉर प्रीनेटल डायग्नोसिस ऑफ़ हीमोग्लोबिनोपैथीज़” का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण केंद्र विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समूह के नागरिकों में रक्तजनित वंशानुगत विकारों के शोध, जांच एवं नैदानिक चिकित्सकीय परीक्षण के लिए समर्पित रहेगा।
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि केन्द्र की स्थापना प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को एक नए आयाम पर ले जाने का प्रयास है, जिससे रक्तजनित विकारों से प्रभावित विशेष समूहों को सटीक और समर्पित चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके। विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समुदायों में इन विकारों की व्यापकता को देखते हुए इस केन्द्र की आवश्यकता थी। यह केन्द्र रक्तजनित वंशानुगत विकारों का गहन अध्ययन करेगा और रोग की समय पर पहचान कर चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा। कार्यक्रम में गांधी स्मारक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश शीर्ष पर
मध्यप्रदेश में सिकिल सेल एनीमिया नियंत्रण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयास किए गये हैं। अब तक 80 लाख 67 हजार 135 लोगों की स्क्रीनिंग कर मध्यप्रदेश देश में शीर्ष स्थान पर है। सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के प्रथम चरण में 46 लाख से अधिक लोगों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड वितरित किए गए हैं, जिसमें भी मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण के सफल पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर पूरे देश में "सिकिल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047" की शुरुआत की गई है, जिसमें 17 राज्य शामिल हैं।
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