बलरामपुर।
सोमवार की सुबह बलरामपुर वन परिक्षेत्र के मुरका गांव में धान के खेत में
वयस्क नर हाथी मृत अवस्था में मिला। ऊपरी तौर पर हाथी पूरी तरह से स्वस्थ
नजर आ रहा था। सरगुजा के मुख्य वन संरक्षक वी माथेश्वरन के नेतृत्व में
अधिकारी- कर्मचारियों ने जब शव का अवलोकन किया तो बिजली करंट से मौत की
पुष्टि हुई। घटनास्थल पर कोई साक्ष्य नहीं था लेकिन हाथी के शरीर में एक
स्थान पर करंट से झुलसने का निशान था। तत्काल आसपास छानबीन की गई। हाथी का
शव रामबक्स के धान के खेत में पड़ा था। पूछताछ में किसान ने बताया कि
हाईवोल्टेज बिजली तार में उसने कलच वायरों को जोड़ दिया था। इसी करंट
प्रवाहित तार के संपर्क में आने से हाथी की मौत हो गई थी। भोर में ही किसान
ने घटनास्थल से तार हटा दिया था। तार को उसके घर से जब्त किया गया। किसान
को गिरफ्तार कर लिया गया है। पशु चिकित्सक डा देवेंद्र यादव, डा. अनीस
सोनवानी,डा. अलिसा बेक की टीम द्वारा हाथी का पोस्टमार्टम किया गया। जंगल
में ही हाथी के शव को दफना दिया गया। दो दिन पहले ही नौ हाथियों का दल
मुरका क्षेत्र में पहुंचा था। घटना से एक दिन पहले हाथियों का दल रामबक्स
के धान के खेत से होकर गुजरा था। रविवार शाम से ही हाथियों की निगरानी की
जा रही थी। रात में लगभग एक बजे दल से एक हाथी बिछड़ गया था। सुबह हाथी मृत
अवस्था मे जंगल के किनारे स्थित धान के खेत में मिला था। हाथी प्रभावित
क्षेत्रों में हाथियों के साथ इंसानों की सुरक्षा को लेकर यह सीजन ज्यादा
चुनौतीपूर्ण हैं। खेतों में लगी धान और गन्ने की फसल खाने के लिए हाथी
आबादी क्षेत्रों की ओर आ रहे हैं। ऐसे में जनहानि की संभावना बनी हुई है।
फसलों की सुरक्षा के लिए ग्रामीण यदि करंट प्रवाहित तार लगाएंगे तो हाथियों
की भी जान जाएगी।
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