रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) भर्ती घोटाले में आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और कारोबारी श्रवण गोयल की मुश्किलें फिर बढ़ गई है। पूर्व अध्यक्ष सोनवानी और एसके गोयल को शुक्रवार को रिमांड खत्म होने पर सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। सीबीआई कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। दोनों आरोपी सात दिसंबर 2024 तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। आरोप है कि गोयल ने अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को नौकरी दिलाने के लिए सोनवानी के करीबी के एनजीओ को सीएसआर फंड से 45 लाख दिए थे। जिस एनजीओ में पैसे डाले गए उसकी चेयरमैन टामन की पत्नी है। उसी के जरिए पैसे सोनवानी को पहुंचे। इसकी पुष्टि के बाद कार्रवाई की गई। यह पैसे पीएसपी भर्ती के सलेक्शन के दौरान दो बार में 20 लाख और 25 लाख दिए गए। सीबीआई के मुताबिक सोनवानी के कार्यकाल में पीएससी में हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। आरोप है कि उन्होंने अपने कई करीबी रिश्तेदारों और कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों के 18 रिश्तेदारों की नौकरी लगवाई है। जांच में पैसों के लेन-देन के पुख्ता सबूत मिले हैं। ये भी आरोप है कि, पैसे लेकर कुछ नेताओं और अधिकारियों के बच्चों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों पर चयन किया गया था। टामन के अलावा आने वाले दिनों में सीबीआइ कुछ और अफसरों को गिरफ्तार कर सकती है। सीजीपीएससी 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है। ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में केस दर्ज किया है। पीएससी ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी। इन्हीं भर्तियों को लेकर ज्यादा विवाद है। आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है।
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