रायपुर। छत्तीसगढ़ का गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान अब राज्य का चौथा और देश का 53वां टाइगर रिजर्व बन चुका है। राज्य सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है, और इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने से आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इस रिजर्व का कोर क्षेत्र 2,049 वर्ग किलोमीटर और बफर क्षेत्र 780 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो इसे देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। टाइगर रिजर्व बनाने का फैसला प्रदेश सरकार ने हाल ही में कैबिनेट बैठक में लिया था। उद्यान के संचालक सौरव सिंह के मुताबिक, इस नए टाइगर रिजर्व का पूरी तरह से अस्तित्व में आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा, क्योंकि दस्तावेजी कार्यवाही अंतिम चरण में है। कोरिया जिले में स्थित यह जंगल पहले संजय नेशनल पार्क का हिस्सा था, लेकिन मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बंटवारे के बाद यह छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में आ गया। इस क्षेत्र में नीलगाय, तेंदुआ, बाघ और अन्य 32 वन्यजीवों का घर है। यह टाइगर रिजर्व 2829.387 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, और इसमें मनेंद्रगड़-चिरमिरी, कोरिया और बलरामपुर जिले भी शामिल हैं। अब राज्य में चार टाइगर रिजर्व हो गए हैं- इंद्रावती (बीजापुर), उदंती-सीतानदी (गरियाबंद), अचानकमार (मुंगेली), और अब गुरुघासीदास-तमोर पिंगला। वर्ष 2021 में, इस उद्यान को टाइगर रिजर्व बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन कुछ विरोधों और रिजर्व क्षेत्र में कोल ब्लाक, आइल ब्लाक और मिथेन गैस ब्लाक की मौजूदगी के कारण यह योजना रुकी हुई थी। तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार थी। अब यह टाइगर रिजर्व देश का 56वां टाइगर रिजर्व बन जाएगा।
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