बिलासपुर।
नहाय खाय के साथ मंगलवार को महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हुई। व्रतियों ने
सुबह स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण किया। अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की
सब्जी बनाकर परिवार सहित ग्रहण किया। छह नवंबर को खरना है। इस दिन छठी मैया
की पूजा होगी। इस दिन व्रती संतान सुख, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ करेंगे। खरना के दिन बखीर, ठेकुआ,
गेहूं का पेठा, घी वाली रोटी आदि विशेष प्रसाद बनाए जाते हैं। प्रसाद को
शुद्धता से बनाना बहुत जरूरी होता है। इसका धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से
बहुत महत्व है। खरना के दिन छठी मैया की उपासना की जाती है। अगले दिन सात
नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे फिर आठ नवंबर की सुबह उगते सूर्य को
अर्घ्य के साथ व्रती व्रत पारण करेंगे। मंगलवार को नहाय खाय के दिन छठ का
व्रत रखने वाले पुरुष और महिलाओं ने सात्विक भोजन का सेवन किया। शंकर नगर
निवासी नेहा वर्मा बताती हैं कि पहले दिन खाने में ऐसी चीजों को शामिल किया
जाता है, जिससे भूख-प्यास कम लगे। इसलिए घरों में बिना प्याज, लहसुन की
सब्जियां बनाई गईं। लौकी और कद्दू की सब्जी का खास महत्व होता है। बिलासपुर
में महापर्व की शुरूआत माता अरपा की महाआरती से हुई। 5100 दीप नदी में
प्रवाहित किए गए। मुख्य अतिथि के रूप में ब्रह्मा बाबा मंदिर से त्यागी
श्री श्री 1008 प्रेम दास जी महाराज उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथियों में
प्रमुख रूप से उपमुख्यमंत्री अरूण साव, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, कोटा
विधायक अटल श्रीवास्तव विधायक, मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया सहित बीजेपी के
जिला अध्यक्ष रामदेव कुमावत, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय
केशरवानी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अभय नारायण राय ने किया।
महाआरती में प्रसिद्ध गायिका मैथिली ठाकुर ने भी भाग लिया। इस खास मौके पर
छठ पूजा समिति की ओर से संरक्षक एसपी सिंह, छठ पूजा समिति के अध्यक्ष वीएन
झा, विशेष सहयोगी प्रवीण झा, डा.धर्मेंद्र दास, बृजेश सिंह, विजय ओझा, आरती
सिंह, नवीन सिंह, संजय सिंह, राजपूत मुन्ना सिंह, विनोद सिंह, रोशन सिंह,
सपना सराफ, सुधीर झा, धनंजय झा उपस्थित थे। महाआरती के दौरान अतिथियों ने
अरपा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने संकल्प लिया। आव्हान किया गया कि, सभी
सालभर अरपा नदी को प्रदूषण मुक्त रखना स्वच्छ रखने प्लास्टिक नहीं डालेंगे।
इस अवसर पर प्रमुख सामाजिक संस्थाओं के सदस्य उपस्थित थे। जिनमें नमामि
गंगे, गायत्री परिवार, भारत स्काउट गाइड परिवार सहित अलग-अलग स्कूलों के
बच्चे एवं शिक्षक मौजूद थे। छठ को लेकर मंगलवार को बिलासपुर में दक्षिण
भारत के आंध्र, तामिलनाडु से नारियल पहुंचा। बाजार में नींबू, सेब, केला,
संतरा, अमरूद सहित नाशपाती, रामफल, विदेशी नाशपाती और अनानास जैसे फलों की
भारी मांग बनी हुई है। हालांकि, बाजार में सबसे ज्यादा मांग सेब और केले की
है। छठ पर फलों की कमी न हो, इसके लिए पहले से ही फलों का भंडारण कर दिया
गया था। कश्मीरी सेब भी बाजार में है। मंगलवार को बाजारों में पूजन सामग्री
की खरीदारी के लिए दोपहर से ही भीड़ रही। बुधवारी, शनिचरी, तोरवा,
बृहस्पति, गोल बाजार, देवकीनंदन चौक, मंगला, सरकंडा में सड़क किनारे
दुकानें सजी रहीं। जहां लोगों ने पूजन सामग्री की खरीदारी जमकर की। देर रात
तक सूपा, दउरा, अदरक, मूली, ईख, नारियल, नारंगी, केला सहित अन्य सामान की
खरीदारी करते नजर आ रहे थे। वहीं, साड़ी सहित अन्य कपड़ों की दुकानों पर भी
लोगों की भीड़ दिन भर दिखी। कोसी भरने के लिए गमछे की मांग रही।
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