शेख आबिद किंग भारत न्यूज़
रायपुर। सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति रावण भाठा के तत्वावधान में प्रतिवर्षानुसार रावण दहन का कार्यक्रम होना सुनिश्चित हुआ है, रावणभाठा मैदान में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम का अपना ऐतिहासिक महत्व है 1610 बिम्बा जी राव एवं बलभद्रा चार्य के प्रयास से स्थापित इस पौराणिक ऐतिहासिक दुधाधारी मंदिर का सांस्कृतिक सरोकर बहुत प्राचीन एवं रोचक है वैष्णव मत शाखा के रुप में स्थापित इस मंदिर की स्वयं में अनुपम छटा देखते बनती है राम रावण के युद्ध को जन जीवन में बड़ी सरलता से एवं विभिन्न धार्मिक उपक्रम द्वारा सामान्य जन जीवन और उनके मन को जोड़ने का यह अभिनव प्रयास अप्रतीम है।
हमारे छत्तीसगढ़ की ऋषि कृषि संस्कृति के अनुरुप दूधाधारी मठ में अन्नकूट का आयोजन पालकी, शोभायात्रा, राम रावण संवाद एवं आधुनिक तकनीक से इस आयोजन के प्रति लोगों में गहरी दिलचस्पी व कौतुहल है इस पारंपरिक आयोजन का उद्देश्य जन जीवन को जोड़ने का प्रयास सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति ने किया है
1. सांस्कृति सरोकार - रामलीला का मंचन जिसमें परस्पर संवाद के माध्यम से भगवान राम एवं रावण के बीच होने वाले संवाद को कलाकारों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है जिसमें रामचरित मानस की चौपाईयाँ पार्श्व से पढ़ी जाती है, इसके अलावा परम्परागत् तरीके से प्रतिवर्ष दशहरे के दिन भगवान बालाजी पालकी में विराजमान होकर दुधाधारी मठ से रावणभाठा मैदान में पधारते है और रावण दहन पश्चात क्षेत्र की जनता के बीच दर्शनार्थ उपस्थित होते है जनता अपने घर के आगन में अगवानी कर पूजा पाठ कर आशीर्वाद ग्रहण करते है।
2. सामाजिक सरोकार आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से अखाड़ा वाले स्वमेय आकर अखाड़ा का प्रदर्शन करते है। अखाड़ा में तलवार चालन, लाठी चालन एवं अनेक पारंपरिक कोशल का प्रदर्शन किया जाता है ज्ञात हो कि पतंग बाजी
का आयोजन दशहरा के दिन इसी स्थल पर होता है जिसका अन्यत्र उदाहरण नही मिलता है।
3. धार्मिक सरोकार - यह एक आध्यामिक आयोजन भी है इस दिन दुधाधारी मठ में भगवान श्रीराम चन्द्र सहित समस्त देवी-देवता एवं शस्त्रों की पूजा आर्चना महंत जी के द्वारा किया जाता है जिसमें क्षेत्र की जनता उपस्थित रहते है इस दौरान परंपरागत ढंग से अश्व पूजा भी की जाती हैं पूजा पश्चात् पालकी एवं रामलीला मंडली रावणभाठा के लिए प्रस्थान करती है।
4. जनजागृति - जनजागृति के अंतर्गत सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के द्वारा यह लगातार प्रयास किया जा रहा है सांस्कृति धरोहर को सहेजने का काम भी अविरल ढंग सेकिया जा रहा है ताकि उसका सरंक्षण संवर्धन हो सके।
5. अतिधि एवं सम्मान समारोह आयोजन में आने वाले सभी सम्मानीय अतिथियों को समिति की ओर से प्रतीक चिन्ह पुष्पाहार प्रदान कर सम्मानित किया जाना है इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में मुख्य अतिथि मान. श्री बृजमोहन अग्रवाल जी-सांसद, रायपुर लोकसभा, अतिविशिष्ठ अतिथि- मान. श्री भूपेश बघेल जी-पूर्व मुख्यमंत्री छ.ग., मान. श्री रमेश बैस जी- पूर्व राज्यपाल महाराष्ट्र, अध्यक्षता मान. श्री एजाज ढेबर जी महापौर नगर निगम रायपुर, विशिष्ठ अतिथि श्री प्रमोद दुबे जी सभापति नगर निगम रायपुर, श्री सुनील सोनी जी-पूर्व सांसद रायपुर लोकसभा, श्री विकास उपाध्याय जी-पूर्व विधायक पश्चिम, श्रीमती मीनल चौबे जी-नेता प्रतिपक्ष नगर पालिक निगम, श्री गिरीश दुबे जी, अध्यक्ष जिला कांग्रेस, श्री जयंती पटेल जी, अध्यक्ष, जिला भाजपा, श्री सतनाम पनाग जी-पार्षद एवं अध्यक्ष जल कार्य विभाग न.पा.नि., श्रीमती सरिता वर्मा जी वरिष्ठ पार्षद, श्री समीर अख्तर जी- पार्षद, एमआईसी सदस्य, श्रीमती निशा यादव जी जोन अध्यक्ष क्रं. 6 एवं पार्षद, श्री अमित दास जी-पार्षद, श्री चन्द्रपाल धनगर जी-पार्षद, श्रीमती सावित्री साहू जी, श्री सुभाष तिवारी जी, वरिष्ठ भाजपा नेता, श्री अंजय शुक्ला जी, वरिष्ठ नेता एवं मंदिर के सभी ट्रस्टीगण प्रमुख रुप से उपस्थित रहेगें।
विशेष आकर्षण भव्य आतिशबाजी के साथ रावण, कुंभकरण, मेघनाथ का वध तत्पश्चात् दहन होगा, अतिशाबाजी जबलपुर के कलाकारों द्वारा विशेष रुप से किया जायेगा।
कार्यक्रम आयोजन दिनांक 12 अक्टूबर 2024, दिन-शनिवार, समय 4 बजे से रात्रि 8 बजे तक को सम्पन्न होगा।
उक्त जानकारी समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा एवं संयोजक सुशील ओझा एवं सचिव अमित साहू ने पत्रकारवार्ता द्वारा दी गई।
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