विधायक रायमुनिया भगत ने समाजों को लड़वाने वाला बयान दिया है


शेख आबिद किंग भारत न्यूज़

राज्यपाल को दी गई शपथ के उल्लंघन के कारण उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करी जाए

महामहिम राज्यपाल, छत्तीसगढ़ को ज्ञापन

 रायपुर।  रायमुनिया भगत ने एक सभा में ईसा मसीह पर अभद्र टिप्पणी की है। जिसके कारण शांत छत्तीसगढ़ की सामाजिक सौहार्द बिगड़ गया है। ईसाई समाज ने दिनांक 03-10-2024 को 130 कि.मी. लम्बी मानव श्रृंखला बनाकर विरोध किया है। ईसाई समाज आंदोलनरत हो गया है, एवं समाजों की आपसी हिंसा बढने की संभावना बढती जा रही है।


भाजपा नफरत की राजनीति करती आ रही है, जहां हिन्दू-मुस्लिम को लड़वाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब छत्तीसगढ़ प्रदेश में मूल निवासी आदीवासियों में भेदभाव भडकाने का प्रयास किया गया है। आदिवासी समाज का मानना है की आदिवासी सारना, धर्म रहित समाज है। हिन्दू आदिवासी होने का बयान रायमुनिया भगत ने दिया है। आदिवासी के कई संगठनों ने आदिवासी हिन्दू नहीं है की घोषणा भी करी है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी आदिवासी को धर्म रहित समाज होने की व्यवस्था पूर्व में दे चुका है।


विधायक रायमुनिया भगत का बयान संविधान के विरुद्ध है। तथा सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था का भी उल्लंघन है। चुने गए विधायक, संविधान को मानने की शपथ लेने के उपरांत विधानसभा की सदस्यता संपूर्ण मानी जाती है। रायमुनिया भगत ने संविधान के प्रवाधानो की अनदेखी कर शपथ का उल्लघंन किया है। संविधान का सम्मान घटाने का संदेश, भारतीय नागरिकों को दिया जा रहा है।


अतः रायमुनिया भगत के विधानसभा सदस्यता माननीय महामहिम राज्यपाल समाप्त करें। सुनवाई नहीं होने की दशा में अन्य संवैधानिक विकल्पों का उपयोग किया जायेगा।