बिलासपुर। सिम्स के सभी वार्ड पुराने अस्पताल भवन में संचालित हैं, जो चार मंजिला हैं। इसमें यह बात सामने आई है कि महिलाओं के लिए संचालित होने वाले वार्ड दूसरे व तीसरे तल में हैं। इसमें लेबर वार्ड, महिला मेडिकल वार्ड के साथ अन्य प्रमुख हैं। इसमें लेबर वार्ड और गायनिक वार्ड में भर्ती महिलाओं की समस्या रहती है। प्रसव पीड़ा उठने या अन्य किसी प्रकार की समस्या होने पर उन्हें वार्ड आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
किसी तरह की पैथोलाजी जांच या रेडियोलाजी जांच के लिए भी इन्हें नीचे लाना पड़ता है, ऐसे में लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। उनकी इस समस्या को देखते हुए ही महिला संबंधित सभी वार्ड को प्रथम तल में किए जाने की कवायद चल रही है। आने वाले दिनों में धीरे-धीरे सभी महिला वार्ड और ओपीडी प्रथम तल में नजर आने लगेगा। ताकि महिला मरीजों को वार्ड में आसानी से प्रवेश दिलाया जा सके। इससे उन्हें किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सिम्स में अलग-अलग 29 वार्डों का संचालन होता है।
अधिकारी रख रहे नजर
सिम्स की बदहाल स्थिति में सुधार लाने के लिए हाई कोर्ट सामने आया है। बदहाल स्थिति को संज्ञान में लेने के बाद ही व्यवस्था सुधारने का काम चल रहा है। ऐसे में शासन स्तर के अधिकारी लगातार सिम्स का निरीक्षण कर रहे हैं। जो भी निर्देश दे रहे हैं, उनका पालन हो रहा है कि नहीं, इसकी निगरानी कर रहे हैं। आने वाले दिनों में भी लगातार इन अधिकारियों का निरीक्षण चलता रहेगा।
गायनिक वार्ड का चल रहा निर्माण
नए निर्णय के बाद गायनिक वार्ड का निर्माण भी शुरू कर दिया गया है। वार्ड बनने में एक से दो महीने लगेगा। इसके बाद गायनिक वार्ड की सुविधा प्रथम तल में मिलने लगेगी। वैसे भी गायनिक वार्ड हमेशा भरा रहता है और गर्भवती महिलाओं को विभिन्न जांच के लिए नीचे आना पड़ता है, जो काफी कष्टदायक साबित होता है। वार्ड प्रथम तल में होने से गर्भवती महिलाओं की समस्या दूर हो जाएगी।
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