नैतिकता ही स्वतंत्रता का अधिकार है राष्ट्रव्यापी मुहिम का समापन सम्मेलन कार्यक्रम



शेख आबिद किंग भारत न्यूज़

"नैतिकता ही स्वतंत्रता का आधार है" जमाअत ए इस्लामी हिंद महिला विंग द्वारा 1 से 30 सितंबर तक चलाई गई इस राष्ट्रीयव्यपी मुहिम का आज आखिरी चरण छत्तीसगढ़ राज्य में संपन्न हुआ। इस विषय पर छत्तीसगढ़ के ज़िम्मेदार नागरिकों में खूब चर्चा का विषय रही और लोगों ने इस अभियान का गर्मजोशी से स्वागत किया।

 2 अक्टूबर को रायपुर शहर के मध्य बैरन बाजार स्थित अल–फलहा टावर  में इस अभियान का समापन सम्मेलन के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अभियान की थीम पर आधारित निबंध प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा करना और CIO एवं GIO द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों को पेश करना था।


कार्यक्रम की शुरुआत इफ्तेखार हुदा साहिबा द्वारा उद्घाटन भाषण से हुई। आज 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में भी मनाया गया। इस मौके पर गांधी जी के इस्लाम के प्रति अच्छे विचारों को पोस्टरों पर लिखकर GIO की बच्चियों ने प्रस्तुत किया। CIO के बच्चों ने एक नाटक के माध्यम से नैतिकता का पाठ पढ़ाने की कोशिश की।


इस अभियान में शिक्षा विभाग से जुड़ी कई महिलाएं, जो प्रिंसिपल और प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं, ने मुख्य भूमिका निभाते हुए अपने विचार व्यक्त किए। इनमें रिटायर्ड प्रोफेसर ज़किया खान साहिबा, डॉ. उमा लता सोनी, डॉ. शगुफ्ता खान (एम.डी. आयुर्वेद), और डॉ. शाइस्ता रुही खान (प्रिंसिपल, अमीरिया पब्लिक स्कूल) ने संक्षेप में अपने विचार व्यक्त किए।


निबंध प्रतियोगिता में 10 अलग-अलग स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया। प्रथम पुरस्कार स्वामी विवेकानंद स्कूल की नफीसा शेख को प्राप्त हुआ। दूसरी पोजीशन इक़रा हायर सेकेंडरी स्कूल की मुफीदा बानो को और तीसरी पोजीशन अलीया खान (इक़रा हायर सेकेंडरी स्कूल) को मिली। 10 अन्य बच्चों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। कुल मिलाकर 60 बच्चों ने निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया।


कार्यक्रम का संचालन छत्तीसगढ़ की महिला विंग की सेक्रेटरी जुवैरिया बानो ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नेशनल एग्जीक्यूटिव कमिटी की सदस्य फाखरा तबस्सुम साहिबा, स्टेट प्रेसीडेंट सुलताना परवीन साहिबा, जमाअत ए इस्लामी हिंद  रायपुर यूनिट की वाइस प्रेसिडेंट  मुजाहिदा साहिबा और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


रिपोर्ट पेशकर्ता: मुहिम सयोंजीका , नुज़हत आबिदा।