बिलासपुर। सिम्स के डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर सड़क हादसे में घायल मजदूर की कलाई को कटने से बचा लिया गया है। सिम्स छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल व मेडिकल कालेज है। यहां दूर-दूर से रोज मरीज़ गंभीर अवस्था में आते हैं। इन गंभीर मरीजों को नया जीवन देने का काम यहां के चिकित्सक कर रहे हैं। ग्राम मोहदा निवासी 45 वर्षीय रामअवतार को 19 अगस्त को सिम्स के आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में भर्ती कराया गया।रतनपुर के पास दो बाइक आपस में टकरा जाने से उसका दाया हाथ बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। कलाई की हड्डी पूरी तरह से बाहर निकल गई थी। इससे उंगलियों में खून का बहाव नहीं हो रहा था। सिम्स के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा़ दीपक जांगड़े ने मरीज की हालत को देखते हुए तत्काल इलाज शुरू किया और सर्जरी करने का बात कही। मरीज़ और स्वजन की सहमति लेने के बाद इसकी जानकारी डीन डा़ केके सहारे को दी। तब उन्होंने हर सुविधा उपलब्ध कराने और निश्शुल्क इलाज के निर्देश दिए। हड्डी रोग विभाग के विभाग एचओडी डा़ एआर बेन ने सर्जरी के लिए मार्गदर्शन दिया। इसके बाद डा़ दीपक जांगड़े और डा़ तरुण ठाकुर की टीम ने मरीज़ की सर्जरी की। सर्जरी में कई राड और वायर का उपयोग किया गया। यह सर्जरी दो घंटे तक चली। इसके बाद मरीज के हाथ में रक्त का बहाव सामान्य हो गया। वहीं उपचार के बाद हाथ कटने से बच गया।
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