मुख्यमंत्री ने किया कृषि के शिल्पकार भगवान श्री बलराम जी की जयंती को हरवर्ष किसान दिवस के रूप मनाने का आह्वान
राजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्र में मनाया गया किसान दिवस
कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को भगवान श्री बलराम जी जयंती की बधाई और शुभकनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों की समृद्धि को प्राथमिकता में रखते हुए कृषक कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ। इस मंत्रालय के माध्यम से खेती-किसानी की बेहतरी और किसानों की आय बढ़ाने पर काम हो रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उद्यानिकी, मछलीपालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की भागीदारी बढ़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई। भगवान श्री बलराम जी की जयंती के मौके पर राजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में किसान दिवस का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के
लिए खेती-किसानी पर निर्भर है। आज कृषि के क्षेत्र में अनेकों नवाचार हो
रहे हैं, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले किसान
साहूकार और महाजनों से अत्यधिक ब्याज दर पर पैसे लेने को मजबूर थे। हमारे
पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किसानों की पीड़ा को
समझा और किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की व्यवस्था की।
किसानों को आज निःशुल्क अथवा बहुत की कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के किसानों को
दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए किसानों को दिए। 21
क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से रिकार्ड 145 लाख
मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंचाई
सुविधाओं के विस्तार के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपए से अधिक राशि का
प्रावधान किया गया है। सिंचाई सुविधाओं के बढ़ने से किसानों की आय बढ़ेगी।
साथ ही हम पुराने सिंचाई परियोजनाओं को दुरस्त करने का भी काम कर रहे है।
अखिल भारतीय किसान संघ के श्री दिनेश कुलकर्णी ने गौ-आधारित
प्राकृतिक खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज
जैविक एवं प्राकृतिक खेती की जरूरत है। मांग के अनुरूप प्राकृतिक खेती को
बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए
वैचारिक रूप से परिपक्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ-आधारित जैविक एवं
प्राकृतिक खेती के संबंध में गीता में उल्लेख है। उन्होंने कहा गौ पालन के
लिए भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं गौपालन कर लोगों को प्रेरित किया है।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री
रामविचार नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के
बीते इन 10 वर्षों में कृषि के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया है।
केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने किसानों को प्राथमिकता में लेकर किसान हित
में नीतिगत् फैसले लिए हैं, जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज दौर में हमें मांग अनुरूप हमें गौ-आधारित जैविक और
प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत हैं, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति और
मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के
नेतृत्व नीतिगत् फैसलों और कार्यों से प्रदेश के किसान आज सामर्थवान बन
रहे है। किसान अब खेती-किसानी को व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों में अच्छा
वातावरण का निर्माण हुआ है।
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्री बलराम जी द्वारा कृषि
के क्षेत्र में योगदान का स्मरण कराती है। वर्तमान दौर में जैविक और
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर इस जयंती समारोह उद्देश्य को पूरा करने दिशा
में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें कृषि वैज्ञानिकों के रिसर्च और
वैज्ञानिक तकनीकियों और सहयोग से गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की और आगे आने
की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती के फायदे के बारे
में भी किसानों को जानकारी होगी तभी भगवान श्री बलराम जी के जयंती का
उद्देश्य भी पूरा होगा। स्वागत भाषण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के
कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल ने दिया। इस अवसर पर विधायक श्री मोतीलाल साहू,
अखिल भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रान्त के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्रवंशी
सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
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