कोरबा।
माह भर के भीतर कालरी क्षेत्र के तीन लोगों की जान ले चुके उत्पाती हाथी
ने फिर एक बुजुर्ग को मौत घाट उतार दिया है। यह घटना कटघोरा वनमंडल के
चैतमा रेंज के ग्राम फारापखना में बुधवार की देर रात की है। वर्तमान में
हाथी इरफ के निकट जंगल में विचरण कर रहा है। हाथी के बढ़ते उत्पात से
क्षेत्र के ग्रामीणों में भय व्याप्त है। वनमंडल कटघोरा के पाली रेंज से
निकालने के बाद हाथी बुधवार को वन परिक्षेत्र चैतमा में परिसर हाथीबाड़ी के
ग्राम सोनाइपुर पहुंच गया।
क्षेत्रीय वन अमले ने ग्राम सोनाईपुर,
पोटापानी, घुईचुवा. फारापखना एवं अन्य आस पास के सभी ग्रामो में मुनादी
कराते हुए लोगों को कच्चे मकान से निकल कर शासकीय स्कूल अथवा पक्के मकान
में रहने की सूचना दी। रात को सात बजे ग्राम सोनाईपुर मे जंगल से निकल कर
बस्ती आ पहुंचा। यहां निवासरत रघुवीर धनुवार, पत्नी फुलबाई धनवार एवं उनके
छोटे बच्चे जो घर मे फस गये थे उसे वन कर्मियों ने सावधानी पूर्वक रेस्क्यु
कर सुरक्षित स्थान पहुंचाया गया।
बस्ती से निकलने के बाद हाथी
पहाड़ी रास्ता होते हुए ग्राम फारापखना पहुंच गया। यहां मोतीलाल के बाड़ी
में घुसकर भुट्टा खाने लगा। बाड़ी में मवेशी घुस आने की आशंका से माेती और
उसकी मां बाहर निकली। टार्च जलाकर देखा तो कुछ ही दूर पर हाथी खड़ा था।
मोतीलाल ने भागो-भागो हाथी आया कहकर चिल्लाने लगा और अपनी मां, पत्नी व
बच्चे को लेकर सुरक्षित स्थान की ओर चला गया। मोती लाल के चिल्लाने की आवाज
सुनकर पिता मेवाराम 60 वर्ष भी जाग गया। सुरक्षित स्थान की ओर भागने के
लिए वह भी अपने घर से बाहर निकला।
इस दौरान निकट में खड़े हाथी ने
दौड़ा कर सूंड से पकड़ लिया। मेवाराम अपने आप को छुड़ा पाता इसके पहले हाथी
ने उसे उठाकर पटक दिया, इससे मेवाराम का मौके में मौत हो गई। वही सोनईपुर
के 70 वर्षीय बिहारी लाल पिता राम लाल धनुहार के हाथी आंगन में घुस गया और
दौड़ाने लगा, तब भागते समय जमीन पर गिर कर घायल हो गए। स्वजनों ने गुरुवार
सुबह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां उपचार के बाद हालत
में सुधार हुआ।
सूचना मिलने पर वन अमले की टीम घटना स्थल पर पहुंची
तब तक हाथी कांजीपानी होते हुए गोपालपुर परिसर इरफ पहुंच गया। प्रदान की गई
25 हजार तात्कालिक सहायता राशिमृतक के शव को पोस्टमार्टम पश्चात
अंत्येष्टि के लिए स्वजनों को सौंप दिया। परिक्षेत्र अधिकारी चैतमा दिनेश
कुमार कुर्रे ने मृतक की पत्नी अवधा बाई एवं बेटा मोतीलाल धनुवार को 25000
रूपये तात्कालिक सहायता प्रदान किया ।
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