रायपुर । गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के ऐसे जर्जर हो चुके आंगनबाड़ी भवन जो मरम्मत योग्य नही है, को डिस्मेंटल कराने के लिए राज्य शासन द्वारा निर्देश दिए गए है, ताकि जर्जर हो चुके शाला भवनों से किसी तरह की अप्रिय घटना एवं जानमान की क्षति होने से बचा जा सके। एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना मरवाही के प्रस्ताव पर मरवाही विकासखंड के अंतर्गत अत्यंत जर्जर हो चुके 44 आंगनबाड़ी भवनों को डिस्मेंटल करने न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी मरवाही द्वारा अनुमति प्रदान की गई है। जारी आदेश में कहा गया है कि भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133, नवीन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर तत्संबंध में अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग उपसंभाग मरवाही, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग मरवाही एवं परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा परियोजना मरवाही की संयुक्त जांच दल के प्रतिवेदन के अनुसार 44 आंगनबाड़ी भवन डिस्मेंटल योग्य पाया गया। उपरोक्त भवनों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 के तहत् डिस्मेंटल करने की अनुमति प्रदान की गई है। डिस्मेंटल उपरांत मलबा एवं अन्य सामग्री का निस्तारण संबंधित ग्राम पंचायत के खाते में राशि जमा नियमानुसार करेंगें। डिस्मेंटल योग्य आंगनबाड़ी भवनों में कुम्हारी, माड़ाकोट, मनौरा, मरवाही, गरलैयाटोला, परासी, भर्राटोला, ठिहाईटोला, धौराठी, नगदहराटोला, कांसबहरा, चलचली, तेंदूमुड़ा, केरहाटोला, धनौरा, गनया, चनाडोंगरी, चिनगीटोला, ठोढ़ीचुआ, छलकाटोला (करगीकला), चिल्हनटोला, मौहरीटोला, मढै़याटोला, चमरानटोला, पटौहाटोला, सत्तीटोला, बच्छाटोला, मासूलडांड़, झाड़ूटोला, निमधा, जरहाटोला, दरमोहली, मसूरीखार, कनईटोला, बरटोला, छलकाटोला (बगड़ी), अण्डी, गुड्डीटोला, डोंगरीटोला, चुरकीटोला, स्कूलपारा, खंता, धोबहर, छिंदीटोला शामिल है।
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