रायपुर।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) में 10वीं और 12वीं की अंकसूची
की गलतियां सुधरवाने विद्यार्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। छोटी
सी गलतियों के लिए भी विद्यार्थी पांच से सात महीने तक चक्कर काट रहे हैं।
इनमें बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग के युवा भी शामिल हैं। ज्यादातर
आवेदन त्रुटि सुधार के हैं, जो नाम, जाति और जन्मतिथि सुधार कराने के लिए
दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार अभी माशिमं में 25 हजार से ज्यादा
आवेदन लंबित हैं। हर साल अंकसूची में सुधार के लिए पांच हजार के आसपास
आवेदन आते हैं। इनमें से 70 प्रतिश आवेदनों का ही निराकरण हो पाता है। जबकि
हर साल 1,500 से दो हजार आवेदन लंबित रह जाते हैं।
माशिमं के
अधिकारियों ने बताया कि त्रुटि सुधार के लिए युवा अपने-अपने संभाग
कार्यालय, डाक और ई-मेल से भी आवेदन कर सकते हैं। वहीं विद्यार्थियों का
कहना है कि संभाग में जल्दी सुधार नहीं होता। इसलिए मुख्यालय आना उचित
समझते हैं, लेकिन संभाग जैसी हालत यहां भी दिखाई देती है।
ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था नहीं
छत्तीसगढ़
माध्यमिक शिक्षा मंडल में अंकसूचियों की त्रुटियां सुधारने के लिए ऑनलाइन
व्यवस्था नहीं की है। इसके चलते प्रतिदिन कार्यालय में अलग-अलग जिलों से 50
से अधिक विद्यार्थी अंकसूचियों में सुधार करवाने के लिए पहुंच रहे हैं।
पाली
(कोरबा) के विकास कुमार ने बताया कि उनकी 12वीं के अंकसूची में त्रुटि है।
उनके पिता के नाम के साथ जाति (सिंह) नहीं लिखी है। सुधार के लिए उसने दो
माह पहले आवेदन दिया था, जो अभी तक नहीं सुधरा है। सुधार कब होगा, अधिकारी
एक निश्चित तिथि भी नहीं बता पा रहे हैं।
जांजगीर-चांपा जिले के
श्रीकांत पटेल ने बताया कि 10वीं और 12वीं की अंकसूची में नाम में त्रुटी
सुधार के लिए उन्होंने पांच माह पहले आवेदन दिया था। त्रुटि में सुधार हुआ
या नहीं इसकी जानकारी और मार्कशीट लेने वह छह बार आना-जाना कर चुके हैं,
लेकिन अब तक त्रुटि में सुधार नहीं हो सका है। इससे उन्हें कई तरह की
समस्याएं आ रही हैं।
संभाग स्तर के अलावा डाक और ई-मेल से
अंकसूचियों में त्रुटि सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए व्यवस्था
की गई है। फिर भी विद्यार्थी अपने संभाग में आवेदन करना छोड़ रायपुर आ रहे
हैं। इसलिए आवेदन लंबित हैं। - पुष्पा साहू, सचिव, माशिमं
AD2
Social Plugin