श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने बताया कि प्रात: से ही बच्चे पूजन के वस्त्र जैन संस्कृति के परिचायक धोती दुप्पटा पहन कर आते हैं तथा अपने मधुर कंठ से प्रभु भक्ति के श्लोक, नवांगी पूजन के दोहे व दर्शनम देव देवस्य , दर्शनम पाप नाशनम , दर्शनम स्वर्ग सोपानाम , दर्शनम मोक्ष साधनम के पवित्र आत्म कल्याणकारी श्लोकों के साथ जब एक साथ सभी बच्चों ने श्री सीमंधर स्वामी जिन मंदिर में प्रभु प्रतिमा के सामने सामूहिक स्वर में पाठ किया तो मंदिर में अलौकिक दृश्य उपस्थित हो गया। यही नहीं इस प्रयास से बच्चो के माता पिता भी प्रात: से ही पूजन में आने लगे हैं। ट्रस्टी निलेश गोलछा ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा भावी पीढ़ी को संस्कारित करने रात्रि धार्मिक पाठशाला का भी संचालित हो रही है।
ट्रस्टी डॉ योगेश बंगानी ने बताया कि आज 56 बच्चों को जिनप्रतिमा के 9 अंगों के पूजन की विधि की जानकारी देकर नवांगी पूजा कराई गई , सर्वप्रथम परमात्मा के अंगूठे की पूजा करते हुए दोहा जल भरी सम्पुट पत्र मां , युगलिक नर पूजन , ऋषभ चरण अंगुठडो दायक भवी जल अंत भावपूर्वक बोला जाता है। जैन धर्म में ही भगवान की प्रतिमा में भक्तों द्वारा सीधे पूजन का विधान है। बच्चों को पुरस्कृत किया गया। महेन्द्र कोचर ने आगे बताया कि चारों दादागुरुदेव के सम्मुख विधिपूर्वक गुरुवंदन की प्रक्रिया सिखाई गई , बच्चों ने दादागुरुदेव का विधिपूर्वक खमासमना देकर वन्दन किया। अंत में दादागुरुदेव इक्तिसा का पाठ किया गया।
AD2
Social Plugin