रायपुर : राजधानी में कुत्तों के बधियाकरण के लिए हर वर्ष करीब 15 लाख रुपये खर्च किए जाते हैं, जिसमें 5,400 कुत्तों का बधियाकरण (नशबंदी) कराया जाता है। निगम का दावा है कि 2018 से 2023 तक कुल 25 हजार कुत्तों का बधियाकरण किया गया है। छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते एक साल में कुत्तों के काटने का सबसे ज्यादा मामला राजधानी में आया है। राजधानी में 2023-24 में 15,953 लोग कुत्तों के शिकार बने हैं। वहीं, शहर के गली मोहल्ले कुत्तों से भरे हुए हैं। देर रात आम जनता का सड़कों पर निकलना मुश्किल है। आए दिन कुत्तों के दौड़ाने और काटने की घटनाएं सामने आती हैं।
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