नयी दिल्ली । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि बजट में सभी वर्गों और सभी क्षेत्रों के हितों पर ध्यान देते हुए समग्र विकास को महत्व दिया गया है लेकिन दुर्भाग्य से विपक्षी दलों के लोग भ्रम फैला रहे हैं और राज्यों की उपेक्षा का आरोप लगा कर राजनीति कर रहे हैं। श्रीमती सीतारमण ने लोकसभा में बजट 2024-25 पर चार दिन चली चर्चा का जवाब देते हुए आज कहा कि बजट में सभी वर्गों और सभी क्षेत्र के साधने का प्रयास करके सभी तरह की चुनौतियों से निपटने के प्रावधान किये गये हैं। बजट व्यय में 48.21 लाख करोड रुपए का प्रावधान है जो पिछले साल से 7.3 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बजट भाषण में कभी किसी राज्य का नाम नहीं लेने का मतलब ये नहीं है कि उस राज्य को पैसा नहीं दिया जा रहा है और उसकी उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार के समय में 2009-10 के पूर्ण बजट में केवल बिहार और उत्तर प्रदेश का उल्लेख किया गया था और 26 राज्यों का उल्लेख तक नहीं था। उन्होंने विभिन्न राज्यों के लिए बजट में योजनाओं के लिए आवंटन की सूची गिनाते हुए कहा कि उनके बजट भाषण में राज्यों की उपेक्षा करने का झूठ फैलाने की कोशिश की गई है जिससे उन्हें बहुत पीड़ा है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बजट में पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपए है जो कोविड के पहले की तुलना में तीन गुना हो गया है। कोविड के प्रभाव से उभर कर अर्थव्यवस्था तेजी से बढ रही है। प्रभावी पूंजीगत व्यय 15 लाख करोड रुपए से अधिक है जो पिछले साल के संशोधित अनुमान से 18 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि कृषि तथा संबंधित क्षेत्रों के लिए पूंजीगत व्यय 1.52 लाख करोड़ रुपए है। शिक्षा और कौशल पर पर व्यय 1.8 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान है जबकि महिलआों बाल विकास के लिए 3.27 लाख करोड रुपए है। ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। स्वास्थ्य 1.46 लाख करोड रुपए का प्रावधन है। उन्होंने कहा कि हर सामाजिक क्षेत्र के लिए बजट पिछले साल से बढा है और 2013-14 की तुलना में कई गुणा ज्यादा है। वित्तमंत्री ने कहा कि कोविड काल में राजस्व घाटे और राजकोषीय घाटे का अनुपात 80 प्रतिशत था जो चालू वित्त वर्ष में गिरकर 36 प्रतिशत पर आ गया है और यह पूंजी खर्च में वृद्धि और बजट की गुणवत्ता को दर्शाता है। राजकोषीय व्यवस्था मजबूती की राह पर बनी हुई है। भारत आज दुनिया की सबसे तेज गति से बढ रही अर्थव्यवस्था है और इसके लिए देश का हर व्यक्ति बधाई का पात्र है जिन्होंने इसके लिए परिश्रम से काम किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की राजकोषीय स्थिति आज पटरी पर लौट आई है और इस बजट में जम्मू कश्मीर को पुलिस खर्च के लिए 12 हजार करोड रुपए दिये गये हैं। इसके अलावा पांच हजार करोड़ रुपए की और मदद दी गई है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय स्थिति मजबूत होने से संघ शाषित क्षेत्र में जनकल्याण पर खर्च बढाने का मौका मिला है और वहां बेरोजगारी की दर तीन वर्ष में बेरोजगारी दर 6.4 से घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई है। राज्य में घुमंतू जातियों को अस्थायी बसेरा भी प्रदान किये जा रहे हैं। आदिवासी 48 हजार युवक और युवतियों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत जम्मू-कश्मीर के 186 गांवों के विकास का प्रस्ताव किया गया है।
AD2
Social Plugin