बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ी गई बाघिन के गले से आठ महीने बाद रेडियो कालर निकाल दिया गया है। अब प्रबंधन की 24 घंटे निगरानी नहीं रहेगी। दरअसल बाघिन के लिए एटीआर का जंगल नया था। इसे देखते हुए ही प्रबंधन ने रेडियो कालर लगाकर छोड़ा था। अब इसकी आवश्यकता नहीं है। आठ महीनों में बाघिन टाइगर रिजर्व को अपना चुकी है। बाघिन को बीते साल मार्च में सूरजपुर के उड़गी ब्लाक के काला मंजन गांव के नजदीक जंगल से पकड़ा था। ट्रैंक्यूलाइजर गन लगने के बाद जैसे ही बाघिन बेहोश हुई, उसे पिंजरे में डाल दिया गया और सीधे जंगल सफारी के लिए रवाना कर दिया गया। जंगल सफारी लेकर जाने का पहला उद्देश्य बाघिन का उपचार था। जब वह पूरी तरह स्वस्थ हुई जो अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया गया।
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