भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने देश के सबसे लंबे निर्माणाधीन समुद्री पुल, मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के लिए लगभग 15,900 टन स्टील की आपूर्ति की है। यह समुद्री पुल भारत में अभियांत्रिकी की अभिनव एवं अनूठी कृति है। 21.8 किमी लंबा, 6-लेन ब्रिज का 16.5 किमी भाग समुद्र के ऊपर और पांच-पांच किमी भाग जमीन पर है। इस ब्रिज के माध्यम से मुंबई से नवी मुंबई की दूरी को 20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस ब्रिज में आर्थोट्रोपिक स्टील डेक (ओएसडी) स्पैन का प्रयोग भारत में पहली बार हो रहा है। इस वजह से भिलाई इस्पात संयंत्र से विशेष स्टील का निर्माण इस ब्रिज के लिए किया गया है। संयंत्र ने पुल के निर्माण के लिए टीएमटी बार्स और प्लेट्स दोनों की आपूर्ति की है। सेल द्वारा आपूर्ति किए गए लगभग 16,300 टन स्टील में से, भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा कुल 15,883 टन स्टील की आपूर्ति वर्ष 2019 से 2023 के मध्य की गई है। इसमें विभिन्न ग्रेड के 13,803 टन टीएमटी बार्स और 2079 टन स्टील प्लेट शामिल हैं। इस ब्रिज का निर्माण कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथारिटी (एमएमआरडीए) का अनुमान है कि ब्रिज के प्रारंभ होने के बाद प्रतिदिन 70,000 वाहन यातायात के लिए इसका उपयोग कर सकेंगे। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक ब्रिज निर्माण में आर्थोट्रोपिक स्टील डेक (ओएसडी) स्पैन का प्रयोग भारत में पहली बार हो रहा है। निर्माण विधि ओएसडी के अंतर्गत विशेष गुणवत्ता के स्टील प्लेटों का उपयोग किया जाता है जो एक ओर से मजबूत और ठोस होने के साथ-साथ दूसरे ओर से लचीला होता है। यह स्टील डेक को कांक्रीट संरचना की तुलना में हल्के रहते हुए उच्च भार वहन करने में सक्षम बनाएगा। 27 मीटर चौड़े एक्सप्रेसवे के साथ दो आपातकालीन निकास लेन तथा एड्ज स्ट्रीप और क्रैश बैरियर की सुविधा होगी। उल्लेखनीय है कि सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी लिंक के निर्माण में बड़ी मात्रा में टीएमटी ग्रेड स्टील की आपूर्ति की थी। वहीं भिलाई इस्पात संयंत्र ने निमार्णाधीन अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए लगभग दो लाख टन टीएमटी बार्स की आपूर्ति की है। मुंबई में निर्माणाधीन समुद्री पुल, जिसमें लग रहा है बीएसपी का विशेष प्लेट और टीएमटी बार। l बीएसपी
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