
नयी दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने
संसद पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी के मौके पर बुधवार को हमले में शहीद
हुए नौ सुरक्षाकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि राष्ट्र हमेशा बहादुर सुरक्षा कर्मियों का ऋणी
रहेगा और सभी से आतंकवाद को खत्म करने की प्रतिज्ञा दोहराने को कहा। राष्ट्रपति ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा 'इसी दिन, 22 साल पहले, देश में
राजनीतिक नेतृत्व की शीर्ष पंक्ति को खत्म करने और हमारे लोकतंत्र के मंदिर
को नुकसान पहुंचाने की आतंकवादियों की नापाक योजना को बहादुर
सुरक्षाकर्मियों ने नाकाम कर दिया था, जिसमें नौ लोग भी शामिल थे,
जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपनी जान दे दी।' उन्होंने कहा, 'सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा,
क्योंकि हम आज आतंकवाद, जो हर जगह मानव जाति के लिए खतरा है, को उसके सभी
रूपों और अभिव्यक्तियों में खत्म करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराते हैं।' उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम
बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष
मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, केंद्रीय मंत्री अमित
शाह, पीयूष गोयल, प्रल्हाद जोशी, वी. मुरलीधरन आदि ने पुराने संसद भवन या
संविधान सदन के बाहर शहीद सुरक्षाकर्मियों की तस्वीरों पर श्रद्धा सुमन
अर्पित किए और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) एक टुकड़ी ने शहीदों को सलामी दी। इस अवसर पर शहीदों के परिजन भी संसद भवन परिसर में आमंत्रित किए गए थे।
श्री धनखड़ और श्री मोदी ने शहीदों के परिजनों से भेंट कर उनकी कुशलक्षेम
पूछी। वर्ष 2001 में 13 दिसम्बर को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने संसद में घुस कर हमला किया था जिसका
मुकाबला करते हुए नौ सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। सुरक्षा बलों ने पांचों
आतंकियों को मार गिराया था।
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