सूरजपुर:
वन विभाग ने आखिरकार उस घायल बाघ को पकड ही लिया । जिसने तीन युवकों पर
हमला कर उनमें से दो की जान ले ली थी। ट्रैंकुलाइजर से बेहोश होने के बाद
डाक्टरों ने पहले जांच की और फिर बाघ को पिंजरे में डाल दिया गया। बाघ के
पकड़े जाने के बाद आम लोगों के साथ ही वन अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली
है। पिछले 24 घंटे से इस बाघ के हमले से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना
हुआ था। हालांकि यह बाघ भी बुरी तरह घायल था और एक ही जगह पड़ा हुआ था।
डाक्टर बाघ के जख्मों की जांच कर रहे हैं। उसके बाद इलाज कहां और कैसे होगा
,उसकी योजना बनाई जाएगी। वन विभाग के अधिकारियों की टीम बाघ के रेस्क्यू
के लिए बड़े सवेरे से ही सक्रिय थी। सीसीएफ के साथ डीएफओ व रेंजर्स हर काम
पर नजर रख रहे थे। बाघ के कुछ पास तक पिंजरे के साथ टीम को पहुंचाने के लिए
जेसीबी लगाकर आने – जाने का रास्ता भी तैयार किया गया। पहले
ट्रैंक्यूलाइज्ड कर बाघ को बेहोश किया गया। डाक्टरों ने उसकी प्राथमिक जांच
की और फिर पिंजरे में कैद कर लिया गया। ओड़गी क्षेत्र में कल सोमवार सवेरे
6 बजे इस बाघ ने कालामांजन गांव के जंगल में तीन लोगों पर हमला किया था।
इस हमले में दो युवकों की मौत हो गई थी। एक गंभीर रूप से घायल युवक सूरजपुर
के अस्पताल में भर्ती हैं। अपने बचाव में हमले के समय इन युवकों ने बाघ पर
टांगियों से वार किया था। बाघ के सिर पर गहरे जख्म देखे गए हैं। वन विभाग
के अधिकारियों के अनुसार जब तक बाघ की अच्छी तरह जांच नहीं कर ली जाती तब
तक कुछ कह पाना मुश्किल है कि बाघ की हालत कितनी गंभीर है। करीब 24 घंटे तक
कोई बाघ एक ही जगह पड़ा रहे, ऐसा होता नहीं। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है
कि वह गंभीर रूप से घायल है।
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