छत्तीसगढ़ी पेंट के आगे मल्टी नेशनल रंग पड़े फीके
एमएनसी के उत्पादों को भी दे रहीं टक्कर
प्राकृतिक पेंट निजी कम्पनियों की तुलना में 30 से 40 फीसदी सस्ता
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकारी भवनों में की जा रही है पुताई
रायपुर: गांवों में लिपाई-पुताई के काम आने वाले गोबर से अब इमल्शन और डिस्टेंपर पेंट तैयार किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की महिलाओं का बनाया गया पेंट मल्टी नेशनल कंपनियों को टक्कर दे रहा है। पेंट निर्माण में मल्टी नेशनल कंपनियों के एकाधिकार को गांवों की महिलाएं तोड़ रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं द्वारा तैयार किए जा रहे इस उच्च गुणवत्ता के पेंट को देखते हुए सभी शासकीय भवनों की पुताई कराने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसके लिए एसओआर भी जारी कर दिया गया है। राजधानी रायपुर के जरवाय गौठान, दुर्ग जिले के गांव लिटिया और कांकेर के सराधुननवागांव में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने का का शुरू किया गया है। पेंट निर्माण में अमूमन मल्टी नेशनल कंपनियां ही काबिज थीं लेकिन अब ग्रामीण महिलाएं भी इस क्षेत्र में मजबूती से कदम रख चुकी हैं। गोबर से बनने वाला प्राकृतिक पेंट बिल्कुल मल्टी नेशनल कंपनियों के द्वारा तैयार किए गए पेंट जैसा है। इसकी गुणवत्ता उच्च स्तरीय है, यह पेंट एंटी बैक्टीरिया और एंटीफंगल होता है। गोबर से पेंट और वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर महिलाएं महात्मा गांधी जी के आत्मनिर्भर गांव की कल्पना को साकार कर रही हैं। इससे गांव के लोगों को रोजगार के साथ ही उनकी तरक्की के लिए नए-नए अवसरों का निर्माण हो रहा है। जरवाय गौठान में डिस्टेंपर, इमल्शन पेंट के साथ ही पुट्टी का भी निर्माण हो रहा है। इसकी बिक्री राजधानी रायपुर के सीजी मार्ट में की जा रही है। इसे जल्द ही विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी उपलब्ध कराने की योजना है। यह पेंट मल्टी नेशनल कंपनी के पेंट की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत सस्ता होने के साथ ही यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। गोबर से बने इस पेंट की कीमत बाजार में उपलब्ध प्रीमियम क्वालिटी के पेंट की तुलना में 30 से 40 फीसदी कम है। इमल्शन पेंट की कीमत 225 रूपए प्रति लीटर है। यह 1,2,4 और 10 लीटर के पैकेज में तैयार किया जा रहा है। साथ ही यह बड़ी कम्पनियों के पेंट की तरह करीब 4 हजार रंगों में भी उपलब्ध है। साथ ही पुट्टी डिस्टेंपर भी तैयार किया जा रहा है।
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