मनीषा जी के रंगमंच से लेकर फिल्मी सफर को जाने ....
रायपुर...आगामी
16 दिसंबर को प्रदेश में हो रही फिल्म घरौंदा निर्माता हेमनाथ खोब्रागडे
की पत्नी जिन्होंने नायक की मां किरदार बखूबी से निभाया है फ़िल्म के विषय
मे विस्तार मनीषा जी से बातचीत के अंश ...
मनीषा ने
बताया कि कई मंचो के माध्यम से मैंने अपने कलाकरी का प्रदर्शन किया है।
मेरी पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म थी 'मितवा कहव या दगाबाज '।
अब तक मैंने 4 छत्तीसगढ़ी फिल्मों में काम किया है,फ़िल्म
घरौंदा
जो 16 दिसंबर को आने वाली मेरी छत्तीशगढ़ी फिल्म है , फ़िल्म "ले चल हूं
अपन दुवारी " 15 जनवरी को संभवत रिलीज़ होगी विगत माह 11 नवंबर को रिलीज़
हुई 'नवा बिहान" फिल्म आई थी उसमे भी मेरा छोटा रोल था लेकिन इस छोटे से
रोल को लोगो ने बहुत पसंद किया और बहुत सराहा ।
मैने आज तक 4 छत्तीसगढ़ी फिल्मे की है और चारो फिल्मों में मैं हीरो की माता ही बनी हू।
मैं
थिएटर भी करती हू थिएटर के माध्यम से मैंने विभिन्य नाटक भी किया हैं
,जिसमे एक प्रसिद्ध नाटक था 'जानी चोर' जिसमे मेरे किरदार को दर्शको
द्वारा काफी पसंद किया गया और सराहा गया । आज भी हम थिएटर करते है , थियेटर
के माध्यम से हमने कई मंचीय कार्यक्रम दिए हैं।
मेरी
एक रामायण मंडली भी है राम चरित मानस के माध्यम से मैं लोगो के मन में उस
परमात्मा के प्रति जागरण पैदा करना चाहती हू ताकि सभी अपने मानवीय धर्म को
समझे सभी उस ब्रह्म उस परमात्मा को आराधना करे यह राम चरित मानस के माध्यम
से मैं बताना चाहती हू
राम चरित मानस के माध्यम से मैं व्याख्यान प्रस्तुत करती हू और गायन भी करती हू
मेरी एक लोककला मंच संस्था है जो कि "पुरखा के सुरता" के नाम से जानी जाती है
"पुरखा
के सुरता " के माध्यम से हम अपने पूर्वजों के गीतों को गाते हैं जिन्होंने
एक से एक गीत हमारे छत्तीसगढ़ को दिए हैं इसके माध्यम से हम उन्हे याद
करते हैं उन्हें श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हैं । आप सभी से निवेदन है कि
आप फ़िल्म घरौंदा जरूर को देखिए चूंकि घरौंदा पूर्ण रूप से एक पारिवारिक
फिल्म है
जिसमे आप सबको हम परिवार को कैसे रहना चाहिए ये बताया गया है
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