आरक्षण के खिलाफ बन रही राज्य स्तर पर विरोध की रुपरेखा

 

 बिलासपुर। भूपेश सरकार द्वारा 76 प्रतिशत आरक्षण लागू करने को लेकर सवर्ण एकजुट होने लगे है। वीपी सिंह के मंडल कमीशन के विरोध की तर्ज पर फिर आंदोलन के मूड में हैं। तीन दिन से कोशिश हो रही है लेकिन अब तक राजभवन से मिलने की स्वीकृति नहीं मिली है। बदले समय में सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से आरक्षण के विरोध में एकजुट हो रहे हैं। स्टेट लेवल पर ग्रुप बना है। रायपुर से इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं। आरक्षण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का संकल्प लिया जा रहा है। सामान्य वर्ग का कहना है कि आरक्षण प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। जापान अमेरिका ब्रिटेन फ्रांस इटली जैसे किसी भी विकसित देश में आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। इतने वर्षों के बाद भी आरक्षण का जारी रहना सामान्य वर्ग के युवाओं की योग्यता का अपमान और अन्याय है। लिहाजा एक लंबी लड़ाई की जरूरत है। कोई इसे काला कानून तो कोई घातक बता रहा है। सभी को अपने बच्चों के रोजगार की चिंता है। आरक्षण विरोधी जागरूकता वाले वीडियो से भी समाज को जगाने की कोशिश की जा रही है। रायपुर में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। ईडब्लूएस को समझाने की कवायद - आरक्षण के विरोध में जुटे युवाओं को फूट डालो और शासन करो की नीति के चलते आंदोलन की सफलता को लेकर संदेश भी है। सरकार ने कमजोर आर्थिक सामान्य वर्ग को आरक्षण देने की घोषणा की है। जिसको झुनझुना बताते हुए संबंधित वर्ग को समझाने की कोशिश की जा रही है। विदित है कि इसको भी घटाकर 10 से चार प्रतिशत कर दिया गया है।