नैना सिंह धाकड़ लैंड एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित

 

 जगदलपुर। मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है। किसी शायर की यह लाइनें बहुत लोगों ने पढ़ी और सुनी होगी, लेकिन बस्तर के एक छोटे से आदिवासी बहुल गांव टाकरागुड़ा की रहने वाली नैना सिंह धाकड़ ने इसे खूब ठीक से समझा और साबित कर दिया कि हौसलों के दम पर आसमां भी हासिल किया जा सकता है। नैना धाकड़ ने पिछले साल जून में एक से 10 तारीख के बीच दुनिया की आसमां को छूती सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) और चौथी सबसे उंची चोटी माउंट लोत्से (8516 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर तिरंगा फहराया था। दस दिनों में हासिल की गई इस बड़ी उपलब्धि पर उनका चयन वर्ष 2021 के लिए तेनजिंग नाेर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के अंतर्गत लैंड एडवेंचर (थल साहस)अवार्ड के लिए किया गया था। बुधवार शाम राष्ट्रपति भवन में आयोजित खेल पुरस्कार सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने नैना सिंह धाकड़ को अवार्ड से सम्मानित किया। नईदुनिया से फोन पर चर्चा में नैना सिंह धाकड़ ने कहा कि हर पर्वतारोहियों की इच्छा होती है कि वह माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर अपने क्षेत्र और देश का नाम रोशन करें। इस सपनें को लेकर कई लोग माउंट एवरेस्टपर चढ़ने की कोशिश भी करते हैं पर उनमें सफलता कुछ को ही हासिल होती है। नैना अभी दिल्ली में हैं और दो तीन दिनों में बस्तर लौटेंगी।