वांशिगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वह भारत के जी-20 एजेंडे का ‘‘पूरा समर्थन’’ करता है, जो मौजूदा वैश्विक संकटों से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने की योजना पर काम कर रहा है जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। भारत ने बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की। आईएमएफ के नीति समीक्षा विभाग की निदेशक सेला पजारबासियोग्लू ने अगले सप्ताह होने वाली भारत और चीन की अपनी यात्रा से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे (भारत) अधिक समृद्ध भविष्य के लिए एक सामूहिक एजेंडा एक साथ रख रहे हैं।’’ उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, “वे (भारत) जारी (वैश्विक) संकटों से संबंधित उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने की की योजना तैयार कर रहे हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।” पजरबासियोग्लू जाहिर तौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण खाद्य और ऊर्जा संकट का जिक्र कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारत के जी-20 एजेंडे का आईएमएफ ‘‘पूरी तरह समर्थन’’ करता है। जी-20 की भारत की अध्यक्षता की थीम ‘वन अर्थ (एक धरती), वन फैमिली (एक परिवार), वन फ्यूचर (एक भविष्य)’ है। आईएमएफ की अधिकारी ने कहा, “इसका मतलब यह है कि भारत मतभेदों को दूर करने और स्थानीय स्तर, संघीय स्तर, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने की आवश्यकता को प्राथमिकता दे रहा है।” उन्होंने कहा कि इंडोनिशया के बाली में जी-20 की घोषणा को अंजाम तक पहुंचाने में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पजरबासियोग्लू ने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं, हम पिछली दो मंत्रिस्तरीय बैठकों में कोई घोषणा करने में सफल नहीं रहे। मैं इसके विवरण में नहीं जाऊंगी कि इसमें कितने घंटे लगे। लेकिन इसलिए यह एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसमें बहुत कठोर भाषा शामिल थी, कि अधिकतर सदस्यों ने यूक्रेन में युद्ध की निंदा की।” घोषणा में सितंबर में एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा गया था, “आज का युग युद्ध का नहीं होना चाहिए।”
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