आखिरी लड़ाई की तैयारी में फोर्स नक्सलियों के खिलाफ

 

 रायपुर। छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित सुकमा और बीजापुर जिलों में सीआरपीएफ दो नए फारवर्ड आपरेशन बेस (एफओबी) बनाएगी। सुकमा के डब्बाकोंटा और बीजापुर के नंबी में ये बेस बनाए जाएंगे। यह दोनों इलाके अत्यंत दुर्गम हैं और सरकार की पहुंच से बाहर हैं। सीआरपीएफ के यहां तक पहुंचने से नक्सलियों का बड़ा आधार समाप्त हो जाएगा। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि आदिवासियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सुदूरवर्ती क्षेत्रों में नए आधार बनाए जा रहे हैं। यहां फोर्स की सुरक्षा में सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, राशन की दुकान, मोबाइल टावर आदि राज्य व केंद्र की विकास योजनाओं को पहुंचाने की तैयारी है। जिन क्षेत्रों में अब सीआरपीएफ पहुंच रही है उससे यह स्पष्ट है कि बस्तर में नक्सलवाद से लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गई है। बस्तर संभाग के सात जिलों में नक्सलियों से मुकाबले के लिए सीआरपीएफ, आइटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी आदि अर्धसैन्य बल के 120 से ज्यादा कैंप हैं। सीआरपीएफ ने देश में 25 एफओबी बनाए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा दस एफओबी छत्तीसगढ़ में हैं। तीन महीने पहले सीआरपीएफ ने सुकमा के एलमागुंडा व पोटकपल्ली में दो नए एफओबी बनाए हैं। एंटी नक्सल आपरेशन से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि एफओबी के खुलने से विकास की योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाया जा सकता है। बस्तर को तेलंगाना और ओडिशा से सीधे जोड़ने में यह एफओबी मददगार होंगे। बस्तर आइजी पी सुंदरराज ने बताया कि एफओबी एक तरह से फोर्स का कैंप होगा। यहां पक्का निर्माण किया जाएगा। जंगल में नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन पूरा करने के बाद फोर्स यहीं स्र्केगी।