रायपुर। स्कूली बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने सोया चिक्की खिलाने की योजना बनाई है। इसके लिए पहले चरण में राज्य सरकार को सात जिले के आठ लाख बच्चों के लिए 29 करोड़ देने का बजट स्वीकृत किया गया है, परंतु स्कूल शिक्षा के अधिकारियों ने इसकी फाइल को ही रोक दिया है। इससे बच्चे यह पौष्टिक चिक्की खाने से वंचित रह जा रहे हैं। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना को यदि सफलता मिलती तो राज्य के 30 लाख बच्चों के लिए यह लागू की जाती। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्याह्न भोजन) योजना के तहत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने पहले चरण में प्रदेश के सात जिलों दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार और बलरामपुर के विद्यार्थियों को भोजन के साथ प्रोटीनयुक्त सोया चिक्की देने की योजना को स्वीकृति दी है। इसके तहत सप्ताह में दो बार सोया चिक्की दी जानी है। प्राइमरी के बच्चे को एक बार में 30 ग्राम औरमिडिल स्कूल के बच्चों को 60 ग्राम सोया चिक्की खिलाना है। बता दें कि प्रदेश में कुपोषण का स्तर अभी भी 32.4 प्रतिशत है।
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