नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे रिहा हो गए हैं। रविचंद्रन और नलिनी श्रीहरन की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला दिया। नलिनी ने न्यूज18 से कहा, मैं जानती हूं कि मैं आतंकवादी नहीं हूं। नलिनी ने कहा, 'मैं इतने सालों से जेल में सड़ रही थी। जिन लोगों ने साथ दिया, उनका शुक्रिया करती हूं। मैं तमिलनाडु के लोगों और वकीलों को मुझपर भरोसा रखने के लिए धन्यवाद देती हूं।' इससे पहले, SC में तमिलनाडु सरकार ने बताया था कि वह राजीव गांधी हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पूर्व रिहाई के पक्ष में है। मद्रास हाई कोर्ट से अर्जी खारिज होने के बाद इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने एक अन्य दोषी, एजी पेरिवलन के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आधार बनाया। 18 मई को, संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पेरिवलन की रिहाई के आदेश दिए थे। श्रीहरन, रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, एजी पेरिवलन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को उम्रकैद की सजा हुई थी। पेरिवलन को 30 साल से ज्यादा जेल में रहने के बाद रिहा किया गया। नलिनी और रविचंद्रन, दोनों ही पिछले साल 27 दिसंबर से परोल पर हैं।
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