रायपुर में शुरू हो गई है बंगाली दुर्गोत्सव की धूम

 

 रायपुर  : शारदीय नवरात्र में सभी मंदिरों और पंडालों में नौ दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है, लेकिन बंगाली समाज में केवल पांच दिन नवरात्र पर्व मनाया जाता है। पंचमी को प्रतिमा की स्थापना के बाद षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी और नौवीं तक नवरात्र की धूम मचती है। दशहरा पर्व पर प्रतिमा के विसर्जन के साथ समापन होता है। इस बार भी तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

बंगाली समाज एसोसिएशन के अरुण भद्रा और देवशीष राय ने बताया कि बंगाली समाज द्वारा शहर में दो जगह भव्य आयोजन होता है। पहला आयोजन सबसे पुरानी बंगाली कालीबाड़ी समिति में 89 साल से किया जा रहा है। दूसरा आयोजन फाफाडीह इलाके के खारुन रेल विहार में 75 साल से किया जा रहा है। दोनों जगह इस बार 11 से 15 अक्टूबर तक नवरात्र पर्व मनाया जाएगा। इसे देखने के लिए बंगाली समुदाय के साथ ही अन्य भक्त भी पहुंचते हैं।

गणेश, लक्ष्मी, सरस्वती, काली, दुर्गा की प्रतिमा

खारुन रेल विहार में कोलकाता के कारीगर पंडाल और स्वागत द्वार बनाने में जुटे हैं। इसी तरह कालीबाड़ी में भी आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से की जा रही हैं। भव्य पंडाल में देवी दुर्गा, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती, माता काली और भगवान गणेश तथा कार्तिकेय की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की जाएगी।

कोरोना नियमों का करना होगा पालन

खारुन रेल विहार समिति से कन्हैया विश्वास, कैलाश प्रधान, कालीबाड़ी पूजा समिति से संजय भट्टाचार्य, निहिर गांगुली, महुआ मजूमदार ने समाजजनों से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन करके पंडाल में प्रवेश करें। शारीरिक दूरी बनाए रखने के साथ ही मास्क का प्रयोग जरूर करें।